
क्लैट टॉपर गीताली गुप्ता (फोटो-पत्रिका)
श्री गंगानगर। जब मेहनत जुनून में बदल जाए और लक्ष्य आंखों में बस जाए, तब कामयाबी खुद रास्ता बना लेती है। श्रीगंगानगर की बेटी गीताली गुप्ता ने कुछ ऐसा ही कर दिखाया है। नोजगे पब्लिक स्कूल की कक्षा 12वीं आर्ट्स की छात्रा गीताली ने कॉमन लॉ एडमिशन टेस्ट (सीएलएटी ) में सामान्य वर्ग में देशभर में ऑल इंडिया रैंक-1 हासिल कर इतिहास रच दिया। 112.75 अंकों के साथ शीर्ष स्थान प्राप्त कर गीताली ने न केवल अपने माता-पिता और विद्यालय, बल्कि पूरे जिले का मान बढ़ाया है।
मंगलवार शाम सात बजे जैसे ही कंसोर्टियम ऑफ नेशनल लॉ यूनिवर्सिटीज की ओर से क्लैट परीक्षा का परिणाम जारी हुआ, गीताली की उपलब्धि की खबर से स्कूल और घर में खुशी की लहर दौड़ गई। देशभर से करीब 70 हजार विद्यार्थियों ने इस प्रतिष्ठित परीक्षा में हिस्सा लिया था। इतनी कड़ी प्रतिस्पर्धा में पहला स्थान हासिल करना गीताली की निरंतर मेहनत, अनुशासन और आत्मविश्वास का प्रमाण है। इस सफलता के साथ ही अब गीताली को देश के प्रतिष्ठित नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी में पांच वर्षीय स्नातक विधि पाठ्यक्रम में प्रवेश मिलेगा।
नोजगे पब्लिक स्कूल में इस उपलब्धि को उत्सव की तरह मनाया गया। विद्यालय प्रबंधन, शिक्षकों और विद्यार्थियों ने मिठाइयां बांटकर खुशी साझा की। स्कूल के मुख्य प्रबंधक पीसूदन ने भी गीताली को बधाई देते हुए कहा कि यह सफलता पूरे संस्थान के लिए गर्व का क्षण है। गीताली की सफलता ने स्कूल के शैक्षणिक माहौल और मार्गदर्शन को नई पहचान दिलाई है।
गीताली गुप्ता शहर के ऋद्धि-सिद्धि तृतीय की निवासी हैं। वह जगदीश कुमार गुप्ता की पुत्री हैं, जबकि उनकी माता भारती गुप्ता तहसील में सूचना सहायक के पद पर कार्यरत हैं। परिवार का कहना है कि संस्कार, सकारात्मक वातावरण और पढ़ाई के प्रति समर्पण ने बेटी को इस मुकाम तक पहुंचाया। बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है और हर कोई इस बेटी की सफलता पर गर्व महसूस कर रहा है। गीताली की कहानी यह साबित करती है कि छोटे शहरों से भी बड़े सपने उड़ान भर सकते हैं।
नोजगे पब्लिक स्कूल की अध्यापिका ज्योति राजपूत ने बताया कि गीताली शुरू से ही लक्ष्य को लेकर स्पष्ट रही। नियमित अध्ययन, स्कूल में विशेष कक्षाएं, मॉक टेस्ट और ऑनलाइन पढ़ाई से उसने तैयारी को मजबूत किया। सोशल मीडिया से दूरी बनाए रखना उसकी सफलता की बड़ी वजह रही। उन्होंने कहा कि अच्छी रैंक की उम्मीद थी, लेकिन देश में पहला स्थान आएगा, इसकी कल्पना भी नहीं थी।
गीताली की उपलब्धि यह संदेश देती है कि संसाधनों की सीमाएं भी दृढ़ इच्छाशक्ति के आगे छोटी पड़ जाती हैं। छोटे शहरों की बेटियां भी बड़े सपने देख सकती हैं और मेहनत व सही मार्गदर्शन से उन्हें साकार कर सकती हैं।
Updated on:
16 Dec 2025 10:21 pm
Published on:
16 Dec 2025 10:11 pm
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