
बिजयनगर बारिश से भीगी सड़कें (फोटो-पत्रिका)
श्री गंगानगर। उत्तरी हवाओं के साथ आई शीतलहर और पश्चिमी विक्षोभ के असर से हुई हल्की बूंदाबांदी से बुधवार को जिले में मौसम का मिजाज पूरी तरह बदल गया। पिछले दो-तीन दिनों से सूर्य देव के तेवर काफी तीखे थे, जिससे मौसम में बदलाव का अनुमान लगाया जा रहा था। मौसम बदला तो अधिकतम तापमान में 6 डिग्री सेल्सियस से अधिक की गिरावट दर्ज की गई।
सुबह से ही आसमान में बादल छाए रहे और ठिठुराने वाली तेज हवा चलती रही। ग्रामीण क्षेत्रों में कोहरे का असर भी देखा गया। शीतलहर के चलते लोग अलाव तापते नजर आए, वहीं दुपहिया वाहनों से निकलने वाले लोग शरीर को गर्म कपड़ों से अच्छी तरह ढांककर बाहर निकले। दोपहर बाद हुई बारिश से सर्दी का असर और बढ़ गया, जिससे सड़कों पर आवाजाही कम हो गई और लोग समय से पहले ही घरों में दुबक गए।
मौसम विभाग के अनुसार शीतलहर का प्रकोप अभी जारी रहेगा। हल्की बूंदा-बांदी के चलते कोहरा छाने की संभावना है, जिससे सुबह के समय दृश्यता काफी कम रह सकती है। विभाग ने गुरुवार को भी इलाके में हल्की बारिश का अलर्ट जारी किया है। इससे तापमान में और गिरावट आने की आशंका है।
इस समय होने वाली बारिश को स्थानीय भाषा में मावठ कहा जाता है। श्रीगंगानगर के साथ अनूपगढ़, सूरतगढ़ और केसरीसिंहपुर क्षेत्रों में भी मावठ दर्ज की गई। किसानों ने इस बारिश को फसलों के लिए फायदेमंद बताया है। मावठ से पत्तों पर जमी धूल-मिट्टी साफ होगी और फसलों की बढ़वार बेहतर होने की उम्मीद है।
अनूपगढ़ क्षेत्र में बुधवार को मौसम ने एक बार फिर करवट लेते हुए राहत भरी सौगात दी। सुबह से ही हल्की धूप और बादलों की आवाजाही बनी हुई थी। दोपहर करीब 12 बजे अचानक मौसम बदला और आसमान में घने बादल छा गए। इसके बाद क्षेत्र में हल्की बूंदाबांदी शुरू हुई, जिससे ठंडक बढ़ गई। हवा चलने के साथ तापमान में गिरावट दर्ज की गई। इसी क्रम में दोपहर करीब 4 बजे क्षेत्र में एक बार फिर बरसात हुई।
किसानों को सलाह दी गई है कि वे मौसम पर नजर बनाए रखें। बारिश के बाद यदि पाले की स्थिति बनती है तो फसलों को नुकसान पहुंच सकता है, ऐसे में खेतों में धुआं करने और सिंचाई जैसे बचाव उपाय अपनाने की जरूरत होगी। उपखंड अधिकारी सुरेश राव ने बताया कि मौसम को देखते हुए रैन बसेरों में सर्दी से बचाव के लिए व्यवस्थाएं बढ़ा दी गई हैं, ताकि जरूरतमंद लोगों को राहत मिल सके।
जानकीदासवाला में वर्ष के अंतिम दिन आखिरकार सर्दी ने अपने तेवर दिखाए। साल के अंतिम दिन आसमान में बादल छाए रहे और शीतलहर चली। जिसने लोगों को घरों में दुबके रहने पर मजबूर कर दिया। वहीं देर शाम को हल्की बूंदाबांदी हुई, जिससे ठंड़ का असर और बढ़ गया। उधर सर्दी तेज होने तथा हल्की बारिश से किसानों के चेहरों पर रौनक दिखी। किसानों ने बताया कि इस बार दिसंबर में तापमान अपेक्षाकृत अधिक रहने से फसलों की बढ़वार प्रभावित हो रही थी। किसान लंबे समय से मावठ की प्रतीक्षा कर रहे थे।
रायसिंहनगर क्षेत्र में बुधवार को मावठ की पहली बरसात हुई, जिससे मौसम में ठंडक बढ़ गई। सुबह से ही घना कोहरा और बादलों के छाए रहने के कारण दृश्यता कम रही। दिनभर आसमान बादलों से ढका रहा और हल्की हवाओं के बीच शाम को कई स्थानों पर बूंदाबांदी भी हुई। मौसम में आए इस बदलाव से बारानी और नहरी रबी फसलों को काफी लाभ होने की उम्मीद है।
सूरतगढ़ थर्मल तापीय परियोजना क्षेत्र में बुधवार को दिनभर हल्के बादल छाए रहे। शाम करीब छह बजे हल्की फुहारें पड़ीं। बारिश से किसानों की उम्मीदें जगी हैं। किसानों का कहना है कि खेतों में खड़ी गेहूं, सरसों और चने की फसलों को इससे फायदा मिलेगा। बारिश के बाद आने वाली धुंध को फसलों के लिए अमृत माना जा रहा है, जिससे बेहतर बढ़वार और अच्छी पैदावार की संभावना है। इधर बादलों और ठंडी हवाओं से क्षेत्र में ठंड का असर बढ़ गया है।
रत्तेवाला क्षेत्र में बुधवार सुबह से ठंडी हवा चलती रही। दोपहर करीब डेढ़ बजे मौसम बदला और हल्की बूंदाबांदी शुरू हुई, जो रुक-रुक कर शाम तक जारी रही। बूंदाबांदी से सर्दी बढ़ गई और मौसम मावठ जैसा बना रहा। काश्तकार सोमनाथ बीका ने बताया कि इस बारिश से सरसों और गेहूं की फसलों को लाभ मिलेगा। बारिश के कारण गांव की गलियों में हल्का कीचड़ फैल गया।
जैतसर कस्बे सहित आसपास के गांवों में बुधवार शाम को साल के अंतिम दिन मौसम ने पलटी मारी जिससे ठिठुरन बढ़ गई। दिनभर आसमान में बादल छाए रहे एवं शाम करीब पांच बजे हल्की बूंदाबांदी प्रारंभ हो गई जिसके साथ ही चली शीतलहर ने आमजन को कड़ाके की सर्दी का अहसास करवा दिया। बूंदाबांदी को मावठ के रूप में भी देखा जा रहा है, जो फसलों के लिए लाभदायक मानी जाती है।
Published on:
31 Dec 2025 08:41 pm
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