
राजस्थान (फोटो: पत्रिका)
श्रीगंगानगर जिले की पंचायत समितियों में वर्षों से करोड़ों रुपए की गबन राशि की वसूली लटकी हुई है। ग्रामीण विकास के नाम पर स्वीकृत बजट का बड़ा हिस्सा सरपंचों, ग्राम विकास अधिकारियों और तकनीकी कार्मिकों की मिलीभगत से कार्य पूरे किए बिना ही निकाल लिया गया। विभागीय जांच में आरोप प्रमाणित होने के बावजूद अब तक न तो वसूली हो सकी है और न ही दोषियों पर सख्त कार्रवाई की गई है। महालेखाकार कार्यालय से लेकर विधानसभा की जन लेखा समिति तक ये प्रकरण दर्ज हैं। बावजूद इसके जिम्मेदारों ने फाइलों पर ’कुंडली’ मार ली है।
आयुक्त डॉ. जोगाराम ने इन प्रकरणों को गंभीरता से लेते हुए संबंधित पंचायत समितियों के विकास अधिकारियों को नोटिस जारी कर रिकॉर्ड सहित जयपुर बुलाया है। उन्होंने स्पष्ट किया है कि विभाग अब कोई ढिलाई नहीं बरतेगा और दोषियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी।
जिले की विभिन्न पंचायत समितियों में गबन की काफी पुरानी राशि बकाया चल रही है। इसकी वसूली की जाएगी। साथ ही दोषी कार्मिकों के खिलाफ कार्रवाई भी की जाएगी।
गिरधर, सीईओ, जिला परिषद, श्रीगंगानगर
1994-95: 3,04,657
2003-04: 3,93,741
2005-06: 21,96,234
2021-22: 2,78,827
2018-19: 36,66,854
2018-19: 54,42,863
2018-19: 5,66,111
2018-19: 1,27,64,014
2018-19: 11,89,530
2015-16: 3,31,138
2018-19: 6,72,229
2018-19: 11,51,077
Published on:
12 Jul 2025 03:19 pm
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