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जगजीत सिंह ने दुनिया में किया श्रीगंगानगर का नाम रोशन, लेकिन स्मृति चिरस्थाई बनाने को नहीं हुआ काम

Jagjit Singh Death Aniversary: : दुनिया भर में असंख्य चहेतों के दिलों पर राज करने वाले गजल गायक जगजीत सिंह की एक और पुण्य तिथि आ गई लेकिन उनकी स्मृति को चिरस्थाई बनाने की दिशा में अपेक्षित प्रयास नहीं हो रहे ।

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Jagjit Singh

श्रीगंगानगर। Jagjit Singh Death Aniversary: दुनिया भर में असंख्य चहेतों के दिलों पर राज करने वाले गजल गायक जगजीत सिंह की एक और पुण्य तिथि आ गई लेकिन उनकी स्मृति को चिरस्थाई बनाने की दिशा में अपेक्षित प्रयास नहीं हो रहे । श्रीगंगानगर में जन्मे, पले-बढ़े इस महान कलाकार का जगमोहन सिंह से जगजीत और जन-जन का दिल जीतने का सफर इसी शहर से तो शुरू हुआ था ( Jagjit singh ghazals )। उनको चाहने वाले जगजीत की बाल स्थली को विकसित नहीं किए जाने से आहत हैं।

उन्हें यह भी मलाल है कि सरकार इस माटी का मान बढ़ाने वाले की याद में कुछ भी तो नहीं कर रही। ‘ये दौलत भी ले लो, ये शोहरत भी ले लो, भले छिन लो मुझसे मेरी जवानी, मगर मुझे लौटा दो वो बचपन का सावन, वो कागज की कश्ती, वो बारिश का पानी’ गीत को अपनी आवाज से अमर बनाने वाले विश्व विख्यात गजल गायक जगजीत सिंह के दिल में गंगानगर बसता था ।

पहले मुम्बई में संघर्ष और फिर कामयाबी के शिखर पर पहुंचने के कारण चाह कर भी शहर में कम आ पाए लेकिन जब आए तो यहां की गलियों, मोहल्लों और बाजारों में अपना बचपन ढूंढा ( Sriganganagar news )। शहर से लगाव था तभी तो अपनी जन्म भूमि श्रीगंगानगर 33 साल बाद लौटे तो एक कार्यक्रम में गीत में कुछ बदलाव करते हुए गाया...मगर मुझको लौटा दो वो गंगा की नगरी, वो कागज की कश्ती, वो डिग्गियों का पानी’। गंगानगर डिग्गियों के पानी वाले शहर के नाम से भी जाना जाता रहा है।

ब्लॉक एरिया के एडवोकेट पतरामदास की छकड़ी में 8 फरवरी, 1941 को जगजीत का जन्म हुआ। बाद में सिविल लाइन्स के क्वार्टर नम्बर जी-25 में आ गए। बचपन यहीं बीता। खालसा स्कूल एवं राजकीय महाविद्यालय में पढ़ाई की। उनकी स्मृति में नोजगे पब्लिक स्कूल में 30 लाख रुपए से अधिक की लागत से वातानुकूलित, साउंड प्रूफ सभागार ‘सजदा-ए-जगजीत’ बनाया हुआ है। कई संस्थाएं उनकी स्मृति में कार्यक्रम भी करती है।

आज स्मृति में दो कार्यक्रम
जगजीत सिंह की स्मृति में उनकी बाल स्थली सिविल लाइन्स के क्वार्टर नम्बर जी-25 में आरडी बर्मन फैन्स क्लब ने गुरुवार शाम 5.30 बजे संगीत संध्या रखी है। अध्यक्ष श्याम गोस्वामी ने बताया कि नगर परिषद के सभापति अजय चांडक, समाजसेवी अशोक चांडक, मोहन शर्मा मुख्य अतिथि रहेंगे। राष्ट्रीय कला मंदिर ने गुरुवार शाम 7.31 बजे चौधरी रामजस कला सदन में पुष्पांजलि का कार्यक्रम रखा है। इसमें नवोदित गायक प्रस्तुति देंगे। अध्यक्ष निर्मल जैन के अनुसार डॉ. एसएल सिहाग मुख्य अतिथि होंगे, अध्यक्षता लायन्स क्लब के रीजन सेके्रट्री एमपी सिंह करेंगे।

विशेष चॉकलेट बनाई
जगजीत की स्मृति में यहां के शेफ राघव लीला ने बुधवार को विशेष चॉकलेट बनाई है। इसे प्रदर्शित करते हुए चित्र पर ‘जब तक सूरज-चांद रहेगा, जगजीत सिंह का नाम रहेगा’ लिखा है।


शीघ्र उठाए जाने चाहिए कदम
संगीत प्रेमी सुभाष गोगी के मुताबिक जगजीत सिंह की स्मृति को चिर स्थाई बनाने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं लेकिन सफलता अभी दूर है। सरकार को इस दिशा में शीघ्र कदम उठाना चाहिए। जगजीत के साथी रहे एडवोकेट सहदेव सिंह खुरमी के अनुसार वे प्रतिभा के धनी थे। उनके साथ पिलानी यूथ फेस्टिवल में गए थे, वहां शास्त्रीय गायन में जगजीत पूरे राज्य में प्रथम रहे। तब संगीत के जानकारों ने कहा कि गले की मदद से उन जैसा गाने वाले कम ही होते हैं।