धरने पर बैठी महिलाओं ने कहा कि इस बाबत श्रीकरणपुर के विकास अधिकारी को ज्ञापन सौंप कार्यवाही की मांग की थी। उन्होंने तीन दिन का समय जांच के लिए दिया था, लेकिन किसी के नहीं आने पर धरना लगा दिया। इस पर वहां गए थाने के एसआई जीतराम व विकास अधिकारी सुखविंदर सिंह ने उनसे बातचीत की व समझाने का प्रयास किया। महिलाओं ने कोई भी बात मानने से इंकार कर दिया। महिलाओं ने कहा कि गांव में झुग्गी झोपडिय़ों में रहने वालें परिवारों को किसी भी सरकारी योजना का लाभ नहीं दिया है। उन्होंने सचिव बलवंत राम पर पैसे लेकर आवास योजना स्वीकृत करने का आरोप लगाया। वहीं उनके आवेदन जोहड़ पायतन की भूमि बताकर निरस्त कर दिए। छोटे मोटे कार्यों के लिए भी सरपंच व सचिव के चक्कर लगाने पड़ते है।
उनका कोई भी काम ये लोग नहीं करते। मौके पर मौजूद ग्राम सचिव गुरमीत सिंह भुल्लर का कहना था कि उन्होंने कुछ समय पहले ही चार्ज लिया है। उनके रिकार्ड अनुसार 2011 में 80 परिवार चयनित किये गए जिसमे से 34 को लाभ दिया गया व 2018 में 124 परिवारों को चयनित किया गया जिनकी जियो टैगिंग की जा रही है । ग्राम पंचायत सरपंच गुरष्पिंद्र कौर ने बताया कि वे पंचायत घर मे समय समय पर आती रहती हैं। किसी के काम नहीं रोके गए हैं। कोई कमी रही है तो पूरी करवाकर समस्या का समाधान करने का प्रयास होगा। यहां सभी कार्य राज्य सरकार के निर्देशानुसार ही हो रहे हैं।