मिली जानकारी के अनुसार एक सरसों के पौधे पर सैकड़ों की संख्या में यह कीट फलफूल रहा है। संभवतया यह तने, टहनियों ओर फूलों को नुकसान पहुंचा रहा है। हालांकि कृषि विशेषज्ञों का मानना है कि सरसों पक जाने पर यह नुकसान नहीं कर सकती। लेकिन इस क्षेत्र में कई जगह सरसों की फसल पकी नहीं है। फसल पकाव के नजदीक है।
ऐसे में इस कीट ने फसलों के तने, टहनी, पत्तों के साथ साथ फल को भी नुकसान पहुंचाने के आसार है। काश्तकार बलविंदर सिंह लोहारा से बात की तो उन्होंने बताया कि यह सफेद सरसों की बिजाई है। यह सुंडी अधिकतर सफेद सरसों की फसल पर दिखाई दे रहे है। यह कीट फसल के लिए नुकसान देय है। वहीं लोहारा गांव के जगदेव सिंह ने बताया कि उन्होंने फसल नहीं देखी। अगर सुंडी का प्रकोप है तो फसल को नुकसान होना निशिचित है।
READ : राजस्थान के इस चमत्कारिक मंदिर में किया जाता है भूत प्रेतों का इलाज! डर जाते हैं पहली बार आने वाले भक्त कृषि विभाग के रिटायर्ड डबल एओ जगरूप सिंह ने बताया की यह यह तम्बाकू की सुंडी है। यह बथुआ व अन्य घास खाती है। ज्यादातर सरसों पक चुकी है, इससे अब कोई नुक्सान नहीं होगा। इस कीट टैबेको विकीपिडिया कैटर पीलर के नाम से भी जाना जाता है।