जानकारी अनुसार गांव 5 ईईए के श्रमिक परिवारों के पांच बच्चे बकरियां चराते हुए खेत में बनी के नजदीक चले गए। दोपहर में तेज गर्मी के चलते इनमें चार बच्चे नहाने के लिए पानी में उतर गए। इस दौरान शोर सुनकर बाहर खड़े बच्चे ने वहां पड़ी एक रस्सी को डिग्गी में फेंका। इसे पकडक़र दो बच्चे किसी तरह डिग्गी से बाहर से निकल आए लेकिन गहराई में जाने से अन्य दो बच्चे बाहर नहीं निकल सके। यह देख बाहर खड़े बच्चे ने शोर किया तो वहां अन्य लोग एकत्र हो गए। वहां पहुंचे लोगों ने मशक्कत कर दो बच्चों हरीश (15) पुत्र शंकरलाल नायक और सागर (11) पुत्र सुभाषचंद नायक को बाहर निकाला और बचाव के प्राथमिक प्रयासों के बाद उन्हें सीएचसी पर ले जाया गया लेकिन तब तक काफी देर हो चुकी थी। दोनों बच्चों की गहरे पानी में डूबने से मौत हो गई। श्रमिक परिवारों से जुड़े दोनों बच्चों की मौत का समाचार सुनकर ग्रामीणों में शोक छा गया।
बचाने का प्रयास रहा विफल
डिग्गी में डूबे दोनों बच्चों को बचाने का काफी प्रयास किया गया लेकिन विफल रहा। जानकारी अनुसार डिग्गी में से बच्चों को निकालने के लिए पानी में रस्सी डालने के साथ ग्रामीण खुद भी पानी में उतर गए और मशक्कत कर बच्चों को बाहर निकाला। इस दौरान मौके पर उन्होंने बच्चों की सांस वापस लाने के लिए कई प्रयास किए लेकिन विफल रहे। उधर, पदमपुर थाने के एसएचओ सुरेंद्र राणा ने बताया कि पोस्टमार्टम करवाकर बच्चों के शव परिजन को सौंप दिए गए। उन्होंने यह भी बताया कि श्रमिक परिवार से जुड़े बच्चे घर की बकरियों को ही चराने के लिए निकले थे।