
Good News : शिक्षा विभाग की नई पहल, अब सरकारी स्कूलों में भी लगेंगे टॉपर विद्यार्थियों के फोटो
Rajasthan Government Schools : सरकारी स्कूलों में पढ़कर कर परीक्षा में टॉप करने वाले बच्चे अब अन्य बालक-बालिकाओं के लिए प्रेरणास्रोत बनेंगे। टॉपर बच्चों का सरकारी खर्च पर प्रचार-प्रसार किया जाएगा। साथ ही निजी स्कूलों की तर्ज पर अब 10वीं व 12वीं बोर्ड में स्कूल टॉपर रहने वाले बालक-बालिकाओं के बड़े आकार के रंगीन फोटो स्कूलों में लगाए जाएंगे। शिक्षा विभाग की मंशा है कि ऐसा करने से सरकारी स्कूलों में नामांकन बढ़ेगा। इसके अलावा सरकारी स्कूल का परिणाम बेहतर रहने की जानकारी आस-पास के गांवों में दी जाएगी, ताकि ग्रामीणों को पता लग सके कि सरकारी स्कूलों में भी बेहतर पढ़ाई हो रही है।
इसके लिए गांवों में रैलियां निकाली जाएंगी। प्रवेशोत्सव के दौरान 15 जुलाई तक प्रत्येक गांव-ढाणी में कम से कम दो बार रैली निकाली जाएगी। प्रवेशोत्सव को लेकर स्कूल शिक्षा परिषद ने गाइडलाइन भी जारी की है। उसी में यह तरीके बताए गए हैं। प्रवेशोत्सव के दौरान बच्चों का तिलक लगाकर स्वागत किया जाएगा। साथ ही नए बच्चों के प्रवेश लेने पर स्कूलों के दरवाजों पर सजावट की जाएगी।
सीडीइओ शिक्षा विभाग श्रीगंगानगर पन्ना लाल कड़ेला ने बताया कि सरकारी विद्यालयों में नामांकन बढ़ाने के लिए विभाग हर स्तर पर प्रयास कर रहा है। इसके लिए विभाग ने गाइडलाइन तक जारी की है। इसी के अनुसार स्कूलों में नामांकन बढ़ाने के लिए अभियान चलाए जा रहे हैं।
शिक्षा विभाग के अनुसार विद्यालयों में नामांकन बढ़ाने के लिए शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में सरपंच, पंच, पार्षद व अन्य जनप्रतिनिधयों, आंगनबाड़ी की महिला कार्यकर्ताओं का भी सहयोग लिया जाएगा। इसके अलावा ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज विभाग की ओर से ग्राम सभा में प्रवेशोत्सव अभियान का आयोजन कर बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ को अनिवार्य एजेण्डे के रूप में शामिल करने पर बल दिया गया है। साथ ही एसएमसी व एसडीएमसी की बैठकों में सभी सदस्यों एवं अभिभावकों को अपने बच्चों का राजकीय विद्यालयों में नामांकन बनाए रखने एवं अन्य अभिभावकों को नामांकन के लिए प्रेरित करने पर चर्चा की जाएगी।
नामांकन वृद्धि, अनामांकित एवं ड्रॉप आउट बालक-बालिकाओं के नामांकन एवं ठहराव के लिए किए गए कार्य की मॉनिटरिंग सीबीईओ कार्यालय करेगा। ब्लॉक स्तर पर शहरी क्षेत्रों में निर्वाचक नामावली के साथ-साथ बस स्टैण्ड, रेलवे स्टेशन, प्रमुख धार्मिक स्थलों, चौराहों, निर्माणाधीन भवन, बेघर, घुमन्तु, मौसमी पलायन एवं कच्ची बस्ती के परिवारों का भी सर्वे किया जाएगा। सर्वे में 3 से 18 वर्ष की आयु के बालक-बालिकाओं को चिन्हित एवं सूचीबद्ध किया जाएगा। शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्र में वार्डवार एवं क्षेत्रवार चिन्हित बालक-बालिकाओं को शाला दर्पण पोर्टल पर प्रविष्टि की जाएगी। ब्लॉक स्तरीय समिति की ओर से 2 सदस्यीय टीम गठित कर अपने ब्लॉक के कम से कम 10 प्रतिशत विद्यालयों के सर्वे का रैण्डम वेरिफिकेशन कराया जाएगा।
Updated on:
23 Jun 2024 07:35 pm
Published on:
23 Jun 2024 07:09 pm
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