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उपचार को तरसता राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय, भवन निर्माण के लिए बजट का बढ़ता इंतजार

सूरतगढ़.ब्लॉक का एक मात्र राजकीय आयुर्वेद ए श्रेणी चिकित्सालय को भवन निर्माण के लिए तीन साल से बजट का इंतजार बढ़ता जा रहा है। बजट स्वीकृत नहीं होने की वजह से राजकीय आयुर्वेद ए श्रेणी चिकित्सालय मजबूरन नगरपालिका के सामुदायिक भवन में संचालित करना पड़ रहा है। यहां सबसे खास बात यह है कि नगरपालिका की ओर से राजकीय आयुर्वेद ए श्रेणी चिकित्सालय को 500 वर्गमीटर भूमि के साथ साथ पट्टा भी मिल चुका है।

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सूरतगढ़.ब्लॉक का एक मात्र राजकीय आयुर्वेद ए श्रेणी चिकित्सालय को भवन निर्माण के लिए तीन साल से बजट का इंतजार बढ़ता जा रहा है। बजट स्वीकृत नहीं होने की वजह से राजकीय आयुर्वेद ए श्रेणी चिकित्सालय मजबूरन नगरपालिका के सामुदायिक भवन में संचालित करना पड़ रहा है। यहां सबसे खास बात यह है कि नगरपालिका की ओर से राजकीय आयुर्वेद ए श्रेणी चिकित्सालय को 500 वर्गमीटर भूमि के साथ साथ पट्टा भी मिल चुका है।
क्षेत्र का राजकीय आयुर्वेद ए श्रेणी चिकित्सालय लम्बे समय से बीकानेर रोड स्थित पशु चिकित्सालय परिसर में संचालित हुआ। लेकिन यह भूमि न्यायालय को आवंटित होने की वजह से 1 मार्च 2023 को राजकीय आयुर्वेद चिकित्सालय वार्ड 23 में नगरपालिका के सामुदायिक भवन में स्थानांतरित हुआ। इसमें दो बड़े हॉल को छह भागों में विभाजित किया गया। जबकि दो अन्य कमरे भी चिकित्सालय के पास है। राजकीय आयुर्वेद चिकित्सालय को भवन के लिए 21 फरवरी 2022 को नगरपालिका की ओर से वार्ड 23 में ही राजीव गांधी मार्केट के सुविधा क्षेत्र में 500 वर्गमीटर भूमि तथा पट्टा मिला। चिकित्सालय प्रशासन की ओर से 7 अप्रेल 2022 को आयुर्वेद विभाग के उपनिदेशक को पत्र प्रेषित कर चिकित्सालय भवन के निर्माण के लिए एक करोड़ रुपए का बजट आवंटित करवाने की मांग की थी। इसके बाद उपनिदेशक ने भी उच्चाधिकारियों से भी बजट जारी करने का आग्रह कर चुके हैं। लेकिन अभी तक बजट नहीं मिला है।

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भवन बिना मरीजों को भर्ती व शिविर लगाने की सुविधा का अभाव

राजकीय आयुर्वेद ए श्रेणी चिकित्सालय में पांच बैड की सुविधा रहती है। इसके अलावा 6 आयुर्वेद चिकित्सक, 8 नर्सिंग कर्मी, 4 परिचारक व 1 एलडीसी की सुविधा उपलब्ध रहती है। लेकिन चिकित्सालय के पास स्वयं का भवन नहीं होने की वजह से मरीजों को भर्ती करने की सुविधा उपलब्ध नहीं हो रही। वही, बवासीर शल्य चिकित्सा शिविर लगाने की भी समस्या आ रही है। वर्तमान में चिकित्सालय में दो चिकित्सक, 2 नर्सिंग कम्पाउण्डर व 1 परिचारक कार्यरत है।
चिकित्सालय में मार्च 2024 में पंचकर्म पद्धति प्रक्रिया शुरू हुई। लेकिन जगह के अभाव में एक ही कक्ष में यह सेवा संचालित हो रही है। यहां अनुबंध पर दो कर्मी कार्यरत है। आयुर्वेद चिकित्सालय में मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। फरवरी माह में 16864 मरीज आए। इसमें 15,522 मरीज पुराने व 1123 मरीज नए शामिल है।

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बजट के लिए करवाया है अवगत

आयुर्वेद विभाग के उपनिदेशक डॉ.राजकुमार पारीक ने बताया कि बजट के लिए उच्चाधिकारियों को अवगत करवाया जा चुका है। बजट आने पर राजकीय आयुर्वेद ए श्रेणी चिकित्सालय का निर्माण शुरू करवा दिया जाएगा।