
Suratgarh news (Rajiyasar): राजियासर पंचायत के चार सौ वर्ष पुराने बसे गांव पीपासर सहित तीन गांवों के ग्रामीण मृतकों का अंतिम संस्कार करने के लिए मौसम की कृपा पर निर्भर हैं। सुनने में भले ही अजीब लगे लेकिन यह कड़वा सच और इन गांवों के ग्रामीणों का दर्द है। इसका कारण यह है कि गांव की कल्याण भूमि में मूलभूत सुविधाओं का नितांत अभाव है। कल्याण भूमि में न पीने के लिए पानी की व्यवस्था है और न ही धूप तथा बारिश से बचने का कोई साधन। गांव की कल्याण भूमि के चारदीवारी भी नहीं हैं तथा पूरी कल्याण भूमि में कंटीले झाड़ झंखाड़ खड़े हैं।ऐसे में यदि आंधी या बरसात का मौसम हो तो, ग्रामीणों को मृतक का अंतिम संस्कार करने के लिए इंतजार तक करना पड़ता है।
जानकारी के अनुसार सूरतगढ़ की उपतहसील राजियासर के गांव पीपासर रोही में 15 बीघा में कल्याण भूमि है। यह रोही के पीपासर गांव के अलावा चक अमरपुरा, चक गोदारान तथा 64 चक की कल्याण भूमि भी है। लेकिन कल्याण भूमि में पंचायत की ओर से किसी प्रकार की मूलभूत सुविधा का विकास नहीं किया गया है। पन्द्रह बीघा भूमि में फैली कल्याण भूमि में एक भी पेड़ नहीं हैं। ऐसे में लोगों को धूप में खड़े होकर ही दाह संस्कार करना पड़ता है। कल्याण भूमि में पानी की सुविधा नहीं होने के कारण ग्रामीणों को दाह संस्कार के लिए जाते समय पानी साथ में ले जाना पड़ता है।
वर्तमान में कल्याण भूमि में कंटीली झाडिय़ों को काटा गया है। आंधी चलने के कारण कंटीली झाडिय़ों के कांटे पूरे कल्याण भूमि क्षेत्र में फैल गए हैं। ऐसे में कांटे लोगों के पांव में चुभने से वे चोटिल हो जाते हैं। इसके अलावा कल्याण भूमि के चारदिवारी नहीं होने के कारण निराश्रित पशु व श्वान विचरण करते रहते हैं। वहीं शैड व अन्य सुविधा के अभाव में धूलभरी आंधी चलने के दौरान मृतकों के अवशेष व राख हवा के साथ उड़ जाते हैं। इतना ही नहीं, गांव में हड्डारोड़ी की जगह आरक्षित नहीं होने की वजह से कई लोग मृत पशुओं को कल्याण भूमि के पास डाल देते हैं।
ग्रामीण दुदाराम शर्मा, किशन गोदारा, मुखराम गोदारा व पवन शर्मा ने बताया कि उन्होंने कल्याण भूमि में चारदिवारी, एक शैड तथा पानी का होद बनाने को लेकर कई बार पंचायत प्रशासन व जनप्रतिनिधियों से निवेदन किया लेकिन सुनवाई नहीं हुई। सरपंच रामादेवी ने बताया कि उन्होंने पीपासर गांव की कल्याण भूमि की चारदिवारी तथा पानी की व्यवस्था करने के लिए जनप्रतिनिधियों को अवगत करवाया लेकिन सुनवाई नहीं हुई।
राजस्थान पत्रिका कल्याण भूमि में मूलभूत सुविधाओं के अभाव के चलते हो रही परेशानी से" मौसम देखकर अंतिम संस्कार करने को मजबूर ग्रामीण" शीर्षक से खबर प्रकाशित कर ग्रामीणों के इस मुद्दे को उठाया था। शासन और प्रशासन की ओर से ग्रामीणों की पीड़ा की अनदेखी करने के बाद पत्रिका की पहल पर गांव पीपासर के ग्रामीणों ने एकत्रित होकर आर्थिक सहयोग कर कल्याण भूमि की सफाई का बीड़ा उठाया। हाल ही में ग्रामीणों ने कल्याण भूमि में में खड़े कंटीले झाड़झंखाड़ की सफाई की। कल्याण भूमि में कंटीली झाड़ियों तथा कीकर को काटकर निस्तारण किया
Published on:
05 Aug 2024 09:18 pm
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