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करणपुर विधानसभा चुनाव में इस बार त्रिकोणीय मुकाबला, कौन मारेगा बाजी कांग्रेस, BJP या AAP

Karanpur Assembly Election : करणपुर विधानसभा सीट पर मुकाबला त्रिकोणीय है और इसमें बाजी कौन मारेगा, इसका खुलासा 8 जनवरी को मतगणना के बाद ही होगा।

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Karanpur Assembly Election

करणपुर विधानसभा सीट पर मुकाबला त्रिकोणीय है और इसमें बाजी कौन मारेगा, इसका खुलासा 8 जनवरी को मतगणना के बाद ही होगा। कांग्रेस प्रत्याशी गुरमीत सिंह कुन्नर के निधन से इस विधानसभा क्षेत्र में चुनाव स्थगित हो गए थे। अब चुनाव आयोग ने नए सिरे से चुनाव कार्यक्रम तय किया है। कांग्रेस ने रूपिन्द्र उर्फ रूबी कुन्नर को प्रत्याशी बनाया है जो दिवंगत गुरमीत सिंह कुन्नर के बेटे हैं। उनका मुकाबला भाजपा के सुरेन्द्रपाल सिंह टीटी और आम आदमी पार्टी के पृथीपाल सिंह संधू से है। विधानसभा चुनाव 2018 में जनता ने कांग्रेस के प्रत्याशी गुरमीत सिंह कुन्नर को विधायक बनाया था। निर्दलीय पृथीपाल सिंह संधू दूसरे तथा भाजपा के सुरेन्द्रपाल सिंह टीटी तीसरे स्थान पर रहे थे।

इस बार फर्क इतना ही है कि गुरमीत सिंह कुन्नर का निधन होने पर उनके बेटे को टिकट दी गई है। भाजपा की टिकट नहीं मिलने पर पृथीपाल सिंह संधू ने आम आदमी पार्टी का दामन थामा है। टीटी की स्थिति पूर्ववत है। भाजपा ने उन्हीं को टिकट दिया है।



गुरमीत सिंह कुन्नर का निधन, अब 5 जनवरी को होगी वोटिंग

कांग्रेस के उम्मीदवार गुरमीत सिंह कुन्नर का निधन मतदान से पहले हुआ, इसलिए करणपुर विधानसभा क्षेत्र में इस बार स्थगित चुनाव हो रहे हैं। वर्ष 1985 में इस विधानसभा सीट से निर्दलीय गुरदीप सिंह ने कांग्रेस प्रत्याशी जगतार सिंह कंग को हरा कर चुनाव जीता। लेकिन चुनाव परिणाम आने के कुछ दिन बाद उनका निधन हो गया, जिससे इस विधानसभा सीट पर उप चुनाव करवाने पड़े़। तब कांग्रेस ने इकबाल कौर प्रत्याशी बनाया, जबकि अन्य दलों ने कुंदन लाल मिगलानी को निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव मैदान में उतारा। उप चुनाव में इकबाल कौर को 27000 मत मिले और उनके प्रतिद्वन्द्वी कुंदनलाल मिगलानी को 17000 मत मिले। इस प्रकार इकबाल कौर दस हजार मतों के अंतर से विजयी रही।

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सहानुभूति वोट मिलने की पूरी उम्मीद

कांग्रेस को इस चुनाव में सहानुभूति वोट मिलने की उम्मीद है। करणपुर विधानसभा क्षेत्र की जनता को सक्रिय राजनीति के चालीस वर्ष समर्पित करने वाले गुरमीत सिंह कुन्नर की राजनीतिक छवि बेदाग रही। सादगी और सीधेपन के कारण उनका अपना अच्छा खासा वोट बैंक था। कांग्रेस ने उन्हीं की छवि का लाभ लेने के लिए बेटे को टिकट दिया है। प्रदेश में भाजपा की सरकार बनने से भाजपा को फायदा मिलने की उम्मीद है। आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी संधू पंजाब से पूरा पानी लाने का वादा मतदाताओं से कर रहे हैं। मतदाता अभी खामोश हैं, इसलिए ऊंट किस करवट बैठेगा इसका अंदाजा लगाना मुश्किल है।

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