
government hospital
श्रीगंगानगर.
डेंगू के डंक के सामने राजकीय जिला चिकित्सालय प्रशासन हथियार डालता नजर आ रहा है। जिले में अब तक 57 रोगियों को एलाइजा पॉजिटिव होने की पुष्टि होने के बाद जहां जिले के लोग डेंंगू को लेकर दहशत में है।वहीं राजकीय जिला चिकित्सालय प्रशासन बेहद मंथर गति से काम कर रहा है। चिकित्सालय प्रशासन के पास डेंगू जांचने के लिए किट नहीं है। यदि रोगी वहां तक पहुंच भी रहे हैं तो उनमें से किसी की जांच ही नहीं हो रही। ऐसे में डेंंगू हुआ है अथवा नहीं, इसका पता भी नहीं लग पा रहा।
एनएच वन पॉजिटिव का सहारा
राजकीय चिकित्सालय में पिछले पांच दिन से एक भी एलाइजा पॉजिटिव का टेस्ट नहीं किया गया है। ऐसे में एक तरफ चिकित्सा विभाग पिछले पांच दिन से एक भी डेंगू रोगी सामने नहीं आने की बात कहकर खुद की पीठ थपथपा रहा है। वहीं, वस्तुस्थिति यह है कि जांच नहीं होगी तो डेंगू रोगी सामने आएंगे कैसे? डेंगू की जांच के लिए लोग अब केवल एनएच वन जांच पर ही निर्भर हैं। यह जांच पॉजिटिव आने पर साफ तौर पर डेंगू तो नहीं माना जा सकता लेकिन वायरल में ही लोग डेंगू मानते हुए उपचार ले रहे हैं।
अब तक सामने आए 57 रोगी
इलाके में अब तक करीब 57 डेंगू रोगी सामने आ चुके हैं। इनमें अधिकांश ने पहले एनएच वन टेस्ट करवाया और डेंगू के लक्षण नजर आने पर एलाइजा जांच के लिए राजकीय चिकित्सालय पहुंचे। वहां से डेंगू की पुष्टि होने पर उपचार किया गया। इनमें शहर के अलग-अलग इलाकों तथा ग्रामीण इलाके के रोगी शामिल हैं।
त्योहारों के कारण अटके
एलाइजा किट के बिना डेंगू की जांच संभव नहीं है। यह किट पुणे से जिला चिकित्सालय पहुंचती है। त्योहारों के अवकाश के कारण किट नहीं पहुंच पाई। वहीं चिकित्सालय प्रशासन ने भी गंभीरता नहीं दिखाई। एलाइजा किट उपलब्ध नहीं होने के संबंध में सीएमएचओ कार्यालय से उच्चाधकारियों को अवगत करवाया गया है।
शीघ्र उपलब्ध होगी किट
राजकीय जिला चिकित्सालय में एलाइजा जांच के लिए किट पुणे से आती है। पिछले तीन चार दिन में त्योहारी अवकाश के कारण ये किट नहीं मिल पाई है। शीघ्र ही इसकी पूर्ति करवा दी जाएगी।
-डॉ. सुनीता सरदाना, प्रमुख चिकित्सा अधिकारी, राजकीय जिला चिकित्सालय
Published on:
23 Oct 2017 08:11 pm
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