
court campus
श्रीगंगानगर।
राज्य सरकार की ओर से आपराधिक कानून (राजस्थान संशोधन) अध्यादेश, 2017 के खिलाफ वकीलों ने मंगलवार को अदालती कामकाज का बहिष्कार कर विरोध जताया। । इस काले कानून के अनुसार ड्यूटी के दौरान किसी जज या किसी भी सरकारी कर्मी की कार्रवाई के खिलाफ कोर्ट के माध्यम से भी प्राथमिकी दर्ज नहीं कराई जा सकती। । इसके लिए सरकार की स्वीकृति अनिवार्य होगी। ।
-काले कानून के खिलाफ अदालती कामकाज का बहिष्कार ।
- बार संघ श्रीगंगानगर ने वर्कसस्पैण्ड रख जताया रोष ।
हालांकि यदि सरकार स्वीकृति नहीं देती है तब 180 दिन के बाद कोर्ट के माध्यम से प्राथमिकी दर्ज कराई जा सकती है। ।
अध्यादेश के प्रावधानों में यह भी कहा गया है कि इस तरह के किसी भी सरकारी कर्मी, जज या अधिकारी का नाम या कोई अन्य पहचान तब तक प्रेस रिपोर्ट में नहीं दे सकते, जब तक सरकार इसकी अनुमति न दे। ।इसका उल्लंघन करने पर दो वर्ष की सजा का भी प्रावधान किया गया है। । इस कानून के खिलाफ बार संघ ने मंगलवार को अदालती कामकाज ठप रखा। ।
बार संघ अध्यक्ष अजय मेहता की अध्यक्षता में हुई कार्यकारिणी की बैठक में अदालती कामकाज बहिष्कार करने का निर्णय लिया। । अध्यक्ष मेहता ने बताया कि आम आदमी को न्याय देने की बजाय पीडि़त को अधिक पीडि़त करने के इस कानून को किसी तरह बर्दाश्त नहीं करेंगे। । अधिवक्ता के इस विरोध का असर यह था कि कोर्ट कैम्पस में सन्नाटा पसरा हुआ था। ।
Published on:
24 Oct 2017 08:27 pm
बड़ी खबरें
View Allश्री गंगानगर
राजस्थान न्यूज़
ट्रेंडिंग
