विरोध प्रदर्शन के दौरान पंचायत समिति में सभा का आयोजन किया गया। मुख्य वक्ता संगठन के जिला अध्यक्ष जीत सिंह धारीगावली व तहसील अध्यक्ष किशना राम ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र में अधिकतर ग्राम पंचायतों में नरेगा कार्य बंद है। इधर, खेतों में मजदूरों के लिए कोई काम नहीं बचा है। इससे ग्रामीण मजदूर आर्थिक परेशानी का सामना कर रहा है। उन्होंने जल्द से जल्द हर ग्राम पंचायत पर मनरेगा कार्य शुरू करने की मांग रखी और साथ ही पात्र व्यक्ति को खाद्य सुरक्षा में नाम जोडक़र योजना का लाभ दिलाने की मांग की। वक्ताओं ने गांवों में बिना मीटर रीडिंग लिए ही बिजली बिल बनाने का भी आरोप लगया। उनका कहना था कि ऐसे में ग्रामीणों को विद्युत बिल की वास्तविक राशि से कई गुणा ज्यादा भुगतान करना पड़ रहा है। माकपा के तहसील सचिव मुकेश मोहनपुरिया व खेत मजदूर यूनियन के सचिव रामचंद्र खरलां ने खेत मजदूरों की कई अन्य समस्याओं को हल करने की मांग भी रखी। मौके पर तरसेम सिंह, मंगल सिंह, जसप्रीत कौर, सुगना देवी, सतवीर कौर, जगतार सिंह, जसवीर सिंह व मुख्तयार सिंह आदि ने भी विचार व्यक्त किए।
ज्ञापन में उठाई ये मांगे…
सभा के बाद संगठन पदाधिकारियों व श्रमिकों ने बीडीओ राजेंद्र प्रसाद को ज्ञापन सौंपकर हर ग्राम पंचायत पर मनरेगाा कार्य शुरू करने, बिजली बिलों की गड़बड़ी दुरुस्त करने, रुकी हुई पेंशन जारी करने, गरीबों को तीन हजार रुपए प्रतिमाह पेंशन देने, पीएम आवास योजना की बकाया किस्त जारी करने, इलाके में फैल रहे नशे के कारोबार पर अंकुश लगाने, नशा बेचने वालों पर कड़ी कार्रवाई करने, खाद्य सुरक्षा पोर्टल शुरू करने, जोहड़ पायतन पर मकान बनाकर बैठे गरीबों को पट्टा जारी करने व भूमिहीन गरीबों को जमीन देने की मांग रखी।