scriptचार दुकानों पर बिक रहे थे नामी कंपनी के नकली मोबाइल और चार्जर, चार दुकानदार काबू | mobile shop owner caught selling fake products on name of branded | Patrika News

चार दुकानों पर बिक रहे थे नामी कंपनी के नकली मोबाइल और चार्जर, चार दुकानदार काबू

locationश्री गंगानगरPublished: Jun 28, 2018 10:26:49 pm

Submitted by:

vikas meel

-मोबाइल विक्रेताओं में मचा हड़कंप, कई दुकानें हुई बंद- कोतवाली और एक नामी मोबाइल कंपनी के लीगल सेल की संयुक्त कार्रवाई

police taking action against shop owner

police taking action against shop owner

श्रीगंगानगर.

शहर के रविन्द्र पथ और सी ब्लॉक, मुख्य बाजार में चार दुकानों में एक प्रसिद्ध मोबाइल कंपनी के नकली मोबाइल और उसके उत्पाद बेचने का मामला सामने आया है। मोबाइल कंपनी के लीगल कामकाज देखने वाली स्पीड नेटवर्क कंपनी चंडीगढ़ के डायरेक्टर (ऑपरेशन) रोमेश दत्त की शिकायत पर कोतवाली पुलिस ने चार मोबाइल बेचने वाली दुकानों में दबिश दी। वहां भारी मात्रा में संबंधित मोबाइल कंपनी के नकली मोबाइल, चार्जर, मोबाइल कवर, ब्ल्यूटूथ, स्क्रीन, केबल के अलावा मोबाइल के पाटर््स मिले हैं।

 

पुलिस ने रविन्द्र पथ पर संजय कम्युनिकेशन प्वाइंट के संचालक संजय कुमार, सी ब्लॉक स्थित ओम मोबाइल कंपनी के लीलाशंकर, लेमिनेशन हाउस के मनोज शर्मा तथा लीजेण्ड मोबाइल के तुषार गर्ग को काबू कर वहां से संबंधित मोबाइल कंपनी के मोबाइल और उसके उत्पादों को बरामद किया है। गुरुवार शाम करीब सात बजे इस कार्रवाई से बाजार और गली मोहल्ले में खुली दुकानों के दुकानदारों में हड़कंप मच गया। बाजार में ऐसी दुकानों के संचालकों ने उसी समय अपनी दुकानेां को बंद कर दिया। पुलिस ने शिकायतकर्ता की सूचना पर कॉपीराइट एक्ट और आईपीसी की विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज किया है।

 

कंपनी का अनाधिकृत सर्विस सेंटर खोला

साहिल होटल के पास लीजैण्ड मोबाइल शोरूम के संचालक तुषार गर्ग ने तो संबंधित मोबाइल कंपनी का अनाधिकृत सर्विस सेंटर खोलकर कमाई का धंधा शुरू कर दिया था। शिकायतकर्ता रोमेश दत्त ने बताया कि इस दुकानदार को कंपनी ने कभी भी सर्विस सेंटर खोलने की अनुमति नहीं दी थी, इसके बावजूद यह दुकानदार कंपनी के हूबहू मोबाइल और उसके उत्पाद बेच रहा था। यहां तक कि इस अनाधिकृत सर्विस सेंटर पर सात युवकों को एक्सपर्ट के रूप में नौकरी भी दे रखी थी। इन एक्सपर्ट युवकों के माध्यम से मोबाइल में आने वाली खराबी को दुरुस्त कराने के एवज में ग्राहकों से कथित वसूली भी की जा रही थी।

 

सोलह हजार की स्क्रीन महज पांच हजार में

शिकायतकर्ता का कहना था कि मोबाइल कंपनी के मोबाइल से ज्यादा उसके कई नकली उत्पाद ग्राहकों को बेचकर कमाई की जा रही थी। इससे ग्राहकों को हजारों रुपए की चपत लगाने का यह धंधा शहर के चुनिंदा दुकानदारों ने अपना रखा था। कपनी के मोबाइल की स्क्रीन की कीमत करीब सोलह हजार रुपए की है, लेकिन अनाधिकृत सर्विस सेंटर का संचालक इसे सिर्फ चार से पांच हजार रुपए में बेच रहा था। इसी तरह दो से साढ़े तीन हजार रुपए की कीमत वाला चार्जर भी एक से डेढ़ हजार रुपए में बेचने में लगा हुआ था। शिकायतकर्ता ने बताया कि इस सर्विस सेंटर पर बकायदा कंपनी के मोबाइल में आ रही तकनीकी खराबी के बारे में वहां ग्राहक बनकर पूछताछ की थी, तब पूरी पुष्टि होने के बाद कोतवाली पुलिस में यह शिकायत की।

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो