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वाटर हॉल पर पहुंचे सबसे ज्यादा काले हिरण व चिंकारा

-चांदनी रात में वाटर हॉल पद्धति से बुध पूर्णिमा पर 24 घंटे में आठ रेंज में 59 वाटर हॉल पर हुई वन्यजीव गणना

  • श्रीगंगानगर. वन्य जीव गणना बुध पूर्णिमा पर चांदनी रात को गुरुवार सुबह 8 बजे से शुरू होकर शुक्रवार सुबह 8 बजे तक वाटर हॉल पद्धति से की गई। वाटर हॉल पर 24 घंटे में प्यास बुझाने के लिए काला हिरण, चिंकारा, नील गाय, लोमड़ी, खरगोश, तितर, सांडा, सियार, जंगली बिल्ली, मरू बिल्ली सहित विभिन्न प्रजाति के सरीसृप आदि आए। वन विभाग अब वन्य जीव गणना की रिपोर्ट चार जून को मंडल स्तर से मुख्यालय को भेजेंगे।
  • विदित रहे कि पिछले साल बेमौसम बारिश की वजह से दो बार वन्यजीव गणना को स्थगित करना पड़ा था। ऐसे में इस बार होने वाली वन्यजीव गणना को लेकर वन विभाग एवं वन्यजीव प्रेमी काफी उत्साहित रहे। वन विभाग के अनुसार श्रीगंगानगर-अनूपगढ़ जिले में आठ रेंज में श्रीगंगानगर,सूरतगढ़,बिरधवाल ,श्रीविजयनगर,रायसिंहनगर,अनूपगढ़,घड़साना व रावला आदि क्षेत्र में 59 वाटर हॉल पर वन्यजीव गणना की गई। वर्ष 2022-23 में जिले में 21 हजार 495 वन्य जीव पाए गए थे।

चांदनी रात में ही वन्यजीव गणना

  • राजस्थान में गर्मी के मौसम में हर साल बुध (वैशाख) पूर्णिमा को वाटर हॉल पद्धति से वन्यजीव गणना करवाई जाती है। इसके पीछे विशेष कारण माने जाते हैं। चूंकि देश में वन्यजीवों की गणना को लेकर अभी तक कोई सटीक पद्धति विकसित नहीं हो पाई है। ऐसे में गर्मी के मौसम में जब ज्यादातर जलस्रोत सूख जाते हैं, तब वन विभाग की ओर से चिह्नित जलस्रोतों पर पानी पीने के लिए आने वाले वन्यजीवों की गणना की जाती है। इसके लिए बुध पूर्णिमा का दिन इसलिए निर्धारित है ताकि चांदनी रात में वाटर हॉल पर पानी पीने के लिए आने वाले वन्यजीव आसानी से नजर आ सके। इससे गणना में अधिकतम सटीक आंकड़े सामने आते हैं।

कहां कितने वाटर हॉल

1.श्रीगंगानगर -05

2.घड़साना - 07

3.रावला 10

4.श्रीविजयनगर -07

5.रेंज बिरधवाल 06

6.रायसिंहनगर -10

7.अनूपगढ़ -05

जिले में कुल वाटर हॉल-59

  • जिले में कार्मिक लगाएं-177
  • जिले में अतिरिक्त कार्मिक लगाएं-59
  • श्रीगंगानगर-अनूपगढ़ जिले में गुरुवार सुबह 8 बजे से वन्यजीव गणना शुरू हुई तथा 24 मई की सुबह आठ बजे समाप्त हो गई। इसके लिए जिले की आठ रेंज में 59 वाटर हॉल बनाए गए थे।
  • -दलीप सिंह राठौड़, उप वन संरक्षक, वन विभाग, श्रीगंगानगर।