इस बार सफाई के लिए 26 कर्मचारी—चिकित्सालय में इस बार सफाई का ठेका एमसीएच और ओपीडी व चिकित्सालय का अलग से किया गया है। इसमें सफाई ठेकेदार ने 26-26 हजार रुपए का भुगतान किया जाएगा। इसके अलावा 13-13 सफाई कर्मचारियों को अलग से भुगतान किया जाएगा। इस बार शौचालयों में नल का रख-रखाव आदि की व्यवस्था सफाई ठेकेदार को ही करनी होगी।
चिकित्सालय में बदहाल सफाई व्यवस्था–चिकित्सालय में पिछले कुछ माह से साफ-सफाई की व्यवस्था बदहाल हो रखी है। आम व्यक्ति उपचार करवाने के लिए चिकित्सालय में आता है जबकि यहां तो उसको एक और बिमारी लेकर जाता पड़ता है। चिकित्सालय में सफाई व्यवस्था पूरी तरह से बिगड़ी हुई है। चिकित्सालय में मरीज,परिजनों व नर्सिंग व डॉक्टर की सेहत की किसी को कोई चिंता नहीं है। चिकित्सालय में जगह-जगह गंदगी बिखरी हुई है। परिसर में मिट्टी उड़ रही है और बायोवेस्ट खुले में पड़ा है। इस कारण चिकित्सालय में संक्रमण फैलने का खतरा बना हुआ है।
आप शौच नहीं कर सकते– चिकित्सालय की अंदर की डीडीसी के सामने एक महिला व एक पुरुष शौचालय बना हुआ है। इनमें आम व्यक्ति शौच के लिए नहीं जा सकता है। वहां पर दूर-दूर तक शौचालय बदबू मार रहे हैं। बाहर टूंटी पर कूड़ा-कचरा बिखरा हुआ है। हालांकि कुछ दिन पहले जिला कलक्टर ने अस्पताल का निरीक्षण कर सफाई व्यवस्था में सुधार करने की हिदायत दी थी। लेकिन सफाई में कोई सुधार नहीं हो रहा है।
—– चिकित्सालय में सफाई का नया ठेका हो चुका है और बीस फरवरी तक सफाई का कार्य शुरू कर देगा। इसके बाद सफाई में सुधार होगा। शौचालयों का रख-रखाव का कार्य एनएचएम कार्य करवाएंगी। इसकी राशि स्वीकृत हो चुकी है।
डॉ.पवन सैनी, पीएमओ,राजकीय जिला चिकित्सालय,श्रीगंगानगर।