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Operation Sindoor: बॉर्डर के इलाके में लोगों में जोश, कुछ बोले सही किया, कुछ बोले इस बार तो निपटा देते

राजस्थान में अंतरराष्ट्रीय सीमा पर रहने वाले लोगों में 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत पाकिस्तान के खिलाफ भारत की कार्रवाई को लेकर जोश हाई है। लोगों ने भारत की कार्रवाई को सही ठहराया है।

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Operation Sindoor update

Operation Sindoor update

दीपक शर्मा

भारत और पाकिस्तान के बीच पिछले कई दिनों से सीमा पर चल रहे तनाव की गर्मी को जहां सीजफायर ने कम किया, वहीं रविवार को बदले मौसम ने बिल्कुल ठंडा कर दिया। श्रीगंगानगर-हनुमानगढ़ में सीमा पर तनाव घटा तो लोग भी तनाव भूल गए। रविवार को बाजार में चहल पहल कम रही। लोगों ने जरूरत की खरीदारी की। दोपहर में बादल छाए और आसपास बारिश-ओलों ने मौसम में ठंडक घोल दी। प्रशासन की ओर से ब्लैकआउट व अन्य बंदिशों के बावजूद लोगों सड़कों पर निकले।

इंदिरा वाटिका मिनी चौपाटी में देर रात तक लोगों की भीड़ लगी रही। रेहड़ी लगाकर परिवार चलाने वाला राहुल बोला - आग लगे दुश्मनां नूं… तिन दिन तों कमाई बंद पई सी। अज्ज ही तां रौनक नजर आई, पर ए मौसम तंग कर रहया है। पुलिस लोगों ने सतर्कता बरतने के लिए समझाइश करती दिखी।

साब एस जंग ने ब्हायवां दी रौनक ही खा ली

यहां से निकलकर पदमपुर बायपास पहुंचे तो मैरिज पैलेस में जगमग दिखी। वहां कैटरिंग वाले बोले शादी सोमवार को दिन में है। खाना तैयार हो रहा है। वेटर राजू बोला - साब एस जंग ने ब्हायवां दी रौनक ही खा ली। जैसे जैसे रात होने लगी ड्रोन ‘नजर’ आने लगे। रावला, लालगढ़ और स्यागांवाली में ड्रोन दिखने की सूचना मिली। लालगढ़ पुलिस ने माना कि सूचना मिली है, लेकिन ऐसा कुछ नहीं है। वहीं हनुमानगढ़ में सीजफायर के बाद तनाव कुछ कम नजर आया, लेकिन प्रशासन की बंदिशें यथावत रही। सड़कों पर सन्नाटा रहा। ट्रेन और बस निर्धारित समय पर चलीं, लेकिन यात्री कम रहे।

वार्ता के नतीजे का इंतजार, नहीं लौटे लोग

सीजफायर के फैसले से बॉर्डर क्षेत्र के गांव-खेतों में सुकून लौट गया। सीमा से सटे रावला, घड़साना, रायसिंह नगर और अनूपगढ़ में लोग अपने कार्यों में व्यस्त नजर आए। गांवों में कुछ परिवार प्रशासन के मौखिक आदेशों के बाद रिश्तेदारों के घर चले गए थे, वे अभी लौटे नहीं है। संभवत: वार्ता के नतीजे का इंतजार कर रहे है। रावला में ग्रामीणों ने सीजफायर के उल्लंघन पर पाक सेना और सरकार को जमकर कोसा। ग्रामीण विकास ने नाराजगी भरे स्वर में कहा - जब जनता और विपक्ष साथ थे तो सरकार ने सीजफायर की जल्दी क्यों की। इस बार तो मामला पूरा निपटा देते।

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