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पारिवारिक सदस्यों के घरों के आगे सड़कों की सेहत सुधारी, आम रास्तों को भूले

नगर विकास न्यास प्रशासन का सड़कों के पेचवर्क में भेदभाव  

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roads requiring patch work

roads requiring patch work

श्रीगंगानगर.

न्यास अध्यक्ष के आवास क्षेत्र वाले जवाहरनगर के वार्ड 37 में जहां हाथों-हाथ पेचवर्क हो गए, वहीं अध्यक्ष के पारिवारिक सदस्यों के घरों के आगे वार्ड 36 की सड़कों की सेहत भी एकाएक सुधर गई लेकिन जनता जिन मार्गों से ज्यादा गुजरती है, वहां की हालात देखकर मुंह मोड़ लिया। इन दोनों वार्डों में ऐसी गलियां भी है जहां सड़कें इतनी जर्जर हो चुकी है कि वहां से गुजरने वाले राहगीर रोजाना यूआईटी और नगर परिषद को कोसते है।

न्यास ने गैर न्यास क्षेत्र का आधार बताकर अपने अध्यक्ष के आवास स्थित वार्ड 37 और अध्यक्ष के पारिवारिक सदस्यों के वार्ड 36 में स्थित मकानों के आगे सड़क मररम्मत कराने में देर नहीं की। शक्ति मार्ग, गगन पथ, तहसील कार्यालय कॉर्नर से लेकर इंदिरा वाटिका कॉर्नर तक, मीरा मार्ग, जवाहरनगर सैक्टर सात, आठ, नेहरानगर, आंनद विहार से गुड शैफर्ड स्कूल तक, चहल चौक के पास राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय से सूरतगढ़ मार्ग तक, गणपतिनगर, बाबादीप सिंह कॉलोनी, जोगेन्द्र सिंह कॉलोनी, जिन्दल कॉलोनी, सुदामानगर, राणाप्रताप कॉलोनी आदि में सड़कों को सुधारने के लिए बजट राशि खर्च नहीं की जा रही है। यहां तक यूआईटी के अभियंताओं से जब सवाल किया गया तो वे भी ऑन रिकॉर्ड बताने के लिए आनाकानी करने लगे है।

एक करोड़ 61 लाख रुपए का बजट
नगर विकास न्यास प्रशासन ने न्यास क्षेत्र के विभिन्न क्षेत्रों में जनहित में निर्माण कार्यों को प्राथमिकता से कार्य कराने का दावा किया है। न्यास प्रशासन ने न्यास की विकसित, गैर न्यास क्षेत्र और कृषि भूमि पर बसी कॉलोनियों की सड़कों की मरम्मत के लिए एक करोड़ 61 लाख 20 हजार रुपए का बजट खर्च करने के लिए दरियादिली दिखाई है। विधानसभा चुनाव से पहले न्यास अध्यक्ष संजय महिपाल ने अपने अंतिम कार्यकाल की पारी के दौरान यह बजट खर्च कर अपनी पहचान बनाने का प्रयास कर रहे है। लेकिन सड़कों के पेचवर्क जहां अधिक जरुरत है, वहां यह निर्माण कार्य कराने के लिए भेदभाव किया जा रहा है।

इसलिए दोनों अध्यक्ष अधिक मेहरबान
वार्ड 37 में खुद नगर विकास न्यास अध्यक्ष संजय महिपाल का आवास है जबकि नगर परिषद सभापति अजय चांडक का वार्ड 36 में पारिवारिक संपति का बड़ी बिल्डिंग, इसके अलावा इन दोनों जनप्रतिनिधियों के कई रिश्तेदार भी इन वार्डो में निवास करते है। ऐसे में नगर परिषद की ओर से सड़कों के किनारे इंटरलोकिंग टाइल्स बिछाने के नाम पर करीब साठ लाख रुपए का बजट खर्च किया है। वहीं, अब न्यास अध्यक्ष ने जरा से बिखरी सड़कों को सुधारने के लिए वहां न्यास के खजाने से पेचवर्क कराने का काम शुरू कर दिया है। लेकिन खास बात यह है कि जहां वाहनों की अधिक आवाजाही रहती है, जैसे गगन पथ, मीरा मार्ग, शक्ति मार्ग, सुखाडिय़ा मार्ग, तहसील रोड आदि मार्गों की सेहत सुधारने के लिए दोनों अध्यक्षों ने चुप्पी साध ली है।


यह सही है कि गैर न्यास क्षेत्र में पेचवर्क कराने के लिए यूआईटी बजट खर्च कर रही है। यदि कोई जनप्रतिनिधि या इलाके के लोग सड़कों को दुरुस्त करने की मांग करते है या मांग आती है तो वहां सड़कों को दुरुस्त कराने का काम करवाया जाएगा। न्यास अध्यक्ष के आवास या उनके रिश्तेदारों के लिए सिर्फ बजट खर्च नहीं हो रहा है, संबंधित इलाके के लोग अपनी मांग न्यास के समक्ष रखे तो वहां भी पेचवर्क करवाए जा सकेंगे।

- कैलाशचन्द्र शर्मा, सचिव नगर विकास न्यास श्रीगंगानगर।