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रोगी भटकता रहा, इलाज नहीं मिला, हुई मौत

शहर के राजकीय जिला चिकित्सालय में सोमवार सुबह एक रोगी उपचार के लिए भटकता रहा लेकिन उसे उपचार नहीं मिला और अंतत: उसकी मौत गई।

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family member of deceased

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श्रीगंगानगर.

शहर के राजकीय जिला चिकित्सालय में सोमवार सुबह एक रोगी उपचार के लिए भटकता रहा लेकिन उसे उपचार नहीं मिला और अंतत: उसकी मौत गई।चिकित्सालय पहुंचने तक उसके सिर में चोट तो थी लेकिन वह खुद ही चिकित्सा पर्ची के लिए पहुंचा था बाद में उसे एक से दूसरे कमरे में चक्कर काटने पड़े और समय पर उपचार नहीं मिलने से उसकी मौत हो गई। हादसे के बाद रोगी के परिजन मौके पर एकत्र हो गए। मौके पर लोगों की भीड़ देखकर चिकित्सालय प्रशासन ने समझाइश करनी शुरू की और अंतत: परिजनों को समझाबूझा कर लौटाया गया।

सूरतगढ़ बाईपास के निकट लगी थी चोट
रोगी के परिजनों ने बताया कि मृतक मोहन सोनी नाईवाला का रहने वाला था और तूड़ी विक्रय से संबंधित कामकाज करता था। सोमवार सुबह वह बाईपास क्षेत्र से शहर की तरफ लौट रहा था। इस दौरान उसे सीने में दर्द और घबराहट की शिकायत हुई। वह मोटरसाइकिल पर सवार था और इस दौरान मोटरसाइकिल पर नियंत्रण नहीं रख पाया और उसे सिर में चोट आई। मौके पर पहुंचे उसके तूड़ी विक्रेता साथियों ने बताया कि जब वे मौके पर पहुंचे तो मोहन को जमीन पर पड़ा पाया इस पर उसे राजकीय जिला चिकित्सालय लाए।

एक से दूसरे कमरे में चक्कर काटते रहे
परिजनों ने बताया कि करीब 52 वर्षीय मोहन को चिकित्सालय लाने तक वह ठीक था। इस दौरान पहले आपातकालीन इकाई में संपर्क किया गया। वहां से उसे मेडिसिन विभाग में संपर्क के लिए कहा गया। मेडिसिन विभाग में जाने पर उसे वहां कोई डॉक्टर नहीं मिला। इस बारे में जानकारी चाहने पर उसे सर्जिकल वार्ड में डॉक्टर होने की बात कहते हुए वहां भेज दिया गया। वहां भी डॉक्टर तो नहीं मिला लेकिन रोगी की परेशानी जरूर बढ़ गई। उसकी समस्या बढ़ती देख उसे डॉ. रवींद्र गोदारा के पास ले गए वहां जांच भी की गई लेकिन इस दौरान रोगी की मौत हो गई।

परिजन हुए चिकित्सालय में एकत्र
मोहन सोनी की मौत की सूचना मिलने के साथ ही रोगी के परिजन मौके पर एकत्र होने लगे। चिकित्सालय में रोगी के परिजनों की भीड़ बढ़ती देख चिकित्सालय प्रशासन ने समझाइश के प्रयास शुरू किए। काफी देर तक समझाइश के बाद आखिर परिजन शव लेकर लौट गए।

अधिकारी नहीं उठा रहे फोन

इस संबंध में संपर्क करने पर प्रमुख चिकित्सा अधिकारी डॉ सुनीता सरदाना और चिकित्सालय के उप नियंत्रक डॉ प्रेम बजाज ने फोन रिसीव नहीं किया।