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मुद्दे दी कोई गल्ल नहीं, वोटां दियां सब लड़ाईयां नै…

locationश्री गंगानगरPublished: Mar 31, 2019 06:58:32 pm

Submitted by:

jainarayan purohit

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मुद्दे दी कोई गल्ल नहीं, वोटां दियां सब लड़ाईयां नै…

-जनकराज पारीक साहित्य मंच का आयोजन,
– वर्तमान राजनीतिक हालात पर रचनाकारों ने किए कटाक्ष
श्रीकरणपुर. जनकराज पारीक साहित्य मंच की ओर से रविवार को काव्य गोष्ठी हुई। एक निजी स्कूल में हुए आयोजन की अध्यक्षता संदीप गुप्ता ने की। उन्होंने कहा कि साहित्य और लोकतंत्र का निकटतम संबंध है।
उन्होंने कहा कि मजबूत लोकतंत्र स्थापित करने के लिए रचनाकारों को निष्पक्ष साहित्य का सृजन करना होगा। गोष्ठी की शुरुआत सरस्वती की आराधना से हुई। इस दौरान रचनाकार जयकिशन चौहान ने ‘मुद्दे दी कोई गल्ल नहीं, वोटां दियां सब लड़ाईयां नै…’ सुनाकर वर्तमान राजनीतिक परिदृश्य पर कटाक्ष किया।
संगठन अध्यक्ष ललित बंसल ने ‘दुनिया में सबसे महान इंसान-ए-हिंदुस्तान है’, प्रदीपसिंह अश्क ने ‘नैतिकता का पाठ पढ़ाते देखा कई चाटुकारों को’ तथा जगदीश वर्मा ने ‘चाल भायड़ा ले चाल पाछो’ नामक राजस्थानी रचना के माध्यम से देश के हालात पर प्रकाश डाला।
इसके अलावा मधु मित्तल ने मां और बेटी, प्रहलादराय छाबड़ा ने बुल्लेशाह की शायरी व सचिव कन्हैया जगवानी ने क्यों डरें कि जिंदगी में क्या होगा रचना सुनाकर श्रोताओं को भाव विभोर कर दिया। वहीं, सूर्य प्रकाश ने चुपके-चुपके रात दिन आंसू बहाना याद है गजल और शिक्षक कृष्ण शर्मा खबरी ने ये अंधा कानून है गीत सुनाकर तालियां बटोरी। जितेन्द्र गिरधर राणा और हरेन्द्र दिलशान ने भी रचनाएं सुनाई। रचनाकारों और अन्य नागरिकों ने लोकतंत्र को मजबूती के लिए अनिवार्य मतदान की शपथ भी ली।
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