संघ के जिलाध्यक्ष पंवार ने बताया कि श्रीगंगानगर जिले में 496 जनता जल कमज़्चारी है जो कि तीन साल से लेकर 25 साल से लगातार कायज़् कर रहे हैं। इनकी ड्यूटी 15 दिन तक दिन में और इतने ही दिन रात में रहती है। वे पाइप लाइन का रख-रखाव व साफ-सफाई,मरम्मत,नहर से लेकर डिग्गी में पानी भरना,चैनल की साफ-सफाई आदि कायज़् भी करते हैं। इन कामों के बदले इन्हें प्रति माह 5382 रुपए दिए जा रहे हैं। न्यूनतम मजदूरी 301 रुपए बनने के बावजूद इन्हें कम राशि का भुगतान किया जाता है।
जनता जल कमीज़् संघ 2004 से स्थायी करने की मांग कर रहा है। विभाग ने दिसंबर 2016 में आवेदन पत्र ले लिए लेकिन अभी तक नियुक्ति संबंधी कोई आदेश जारी नहीं किए। इससे पहले कामिज़्कों ने जिला कलक्टर और जलदाय विभाग के अधीक्षण अभियंता को भी ज्ञापन दिए। धरना-प्रदशज़्न में विजयपाल, कानाराम, इमीलाल, बीरबलराम, केसूराम, रणधी सिंह, अमरजीत, देवेंद्र कुमार, विजय कुमार,रमेश कुमार और राजकुमार सहित बड़ी संख्या में कामिज़्क शामिल हुए।
जनता जल कमज़्चारियों ने स्थायी करने और न्यूनतम मजदूरी 301 रुपए देने की मांग को लेकर गुरुवार को जिला परिषद के मुख्य कायज़्कारी अधिकारी कायाज़्लय के बाहर पहले धरना लगाकर प्रदशज़्न किया। पंचायत जलकमीज़् संघ के जिलाध्यक्ष जेठाराम पंवार के नेतृत्व में जनता जल कमज़्चारी जिला परिषद सीईओ से मिलने आए तो सीइओ कायाज़्लय में सीईओ नहीं मिली। इस पर वे ऑफिस की गैलरी में धरना लगाकर बैठ गए। कमिज़्यों ने इस बीच राज्य सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।
संघ के जिलाध्यक्ष पंवार ने बताया कि श्रीगंगानगर जिले में 496 जनता जल कमज़्चारी है जो कि तीन साल से लेकर 25 साल से लगातार कायज़् कर रहे हैं। इनकी ड्यूटी 15 दिन तक दिन में और इतने ही दिन रात में रहती है। वे पाइप लाइन का रख-रखाव व साफ-सफाई,मरम्मत,नहर से लेकर डिग्गी में पानी भरना,चैनल की साफ-सफाई आदि कायज़् भी करते हैं। इन कामों के बदले इन्हें प्रति माह 5382 रुपए दिए जा रहे हैं।