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Rajasthan Farmers: कपास को छोड़ इस फसल की बड़े पैमाने पर बुवाई कर रहे किसान, जानें क्या है वजह

Rajasthan Farmers: राजस्थान में इस बार रिकॉर्ड बारिश हो रही है, जिसका असर सीधे तौर पर फसलों की बुवाई पर पड़ रहा है। कई जिलों के किसान अब कपास को छोड़कर मूंग की फसल की अधिक बुवाई कर रहे हैं।

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moong Farming in Rajasthan

मूंग की फसल में दवा का छिड़काव करता किसान (फोटो-सोशल मीडिया)

Rajasthan Farmers: श्रीगंगानगर। राजस्थान के किसान लगातार नए-नए प्रयोग करते रहते हैं। इस बार बारिश अधिक होने पर किसानों ने कपास को छोड़कर मूंग की रिकॉर्ड बुवाई की है। कपास की खेती में कई बार किसानों को बड़ा नुकसान हो जाता है। अच्छे दाम नहीं मिलने और फसल में रोग लग जाने से किसान बड़ा झटका खा जाते हैं। इस बार कृषि खंड श्रीगंगानगर के किसान मूंग की फसल पर जोर दे रहे हैं।

श्रीगंगानगर जिले में इस साल मूंग की बुवाई का लक्ष्य 2.90 लाख हेक्टेयर था, जिसे वर्तमान में 111.13 प्रतिशत प्राप्त कर 3.22 लाख हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र में बुवाई की गई है। किसानों की मूंग के प्रति रुझान देखकर कृषि विभाग भी हैरान है, हालांकि इस साल कपास की खेती में बड़े स्तर पर कमी देखने के मिल रही है।

इन फसलों की सबसे अधिक बुवाई

कृषि विभाग के अनुसार श्रीगंगानगर और हनुमानगढ़ जिले में रबी की बुवाई का लक्ष्य 13.41 लाख हेक्टेयर था और 102.19 फीसदी प्राप्त कर 13.70 लाख हेक्टेयर में कॉटन, मूंग, ग्वार, मोठ, बाजरा, तिल व अन्य खरीफ फसलों की बुवाई की गई है। अधिकारियों का मानना है कि अच्छी वर्षा से फसल उत्पादन में इजाफा होगा और किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार आएगा।

नहरबंदी भी मानी जा रही बड़ी वजह

श्रीगंगानगर जिले में नहरबंदी और सिंचाई की समस्या के चलते इस बार कॉटन की बुवाई अपेक्षा के मुकाबले कम हुई है। जिले का लक्ष्य 1.65 लाख हेक्टेयर था, लेकिन इस बार 1.49 लाख हेक्टेयर में ही कपास की बुवाई हो पाई है, जो 90.30 फीसदी है।

हनुमानगढ़ जिले में कपास की बुवाई

वहीं हनुमानगढ़ जिले की बात करें तो कॉटन की बुवाई में वृद्धि देखी गई है। कृषि विभाग के अनुसार कृषि खंड श्रीगंगानगर में इस बार कॉटन की बुवाई 3.32 लाख हेक्टेयर लक्ष्य के मुकाबले 3.27 लाख हेक्टेयर में हुई है, जो 94.81 फीसदी है। लेकिन फिर भी यह आंकड़ा लक्ष्य से कम है।

हनुमानगढ़ जिले में 127.61 फीसदी मूंग की बुवाई

हनुमानगढ़ जिले में मूंग की बुवाई का लक्ष्य 90 हजार हेक्टेयर था, जबकि बुवाई 127.61 प्रतिशत प्राप्त कर लगभग 1.15 लाख हेक्टेयर में बुवाई की गई है। यहां के किसान भी बारिश से प्रभावित होकर अधिक क्षेत्र में मूंग बोने के लिए प्रेरित हुए हैं।

श्रीगंगानगर में 111.13 फीसदी मूंग की बुवाई

जबकि श्रीगंगानगर जिले में मूंग की बुवाई का लक्ष्य 2.90 लाख हेक्टेयर था, जिसे वर्तमान में 111.13 प्रतिशत प्राप्त कर 3.22 लाख हेक्टेयर में बुवाई हुई है। कुल मिलाकर दोनों जिलों में मूंग की फसल के लिए अनुकूल माहौल बन रहा है, जिससे आगामी फसल की बेहतर संभावना नजर आ रही है।

बारिश से बढ़ा बुवाई का क्षेत्रफल

कृषि विभाग के अधिकारियों का कहना है कि क्षेत्र में हुई बारिश ने सूखे की स्थिति को बेहतर किया है और सिंचाई की समस्या को भी कुछ हद तक हल किया। इस कारण कृषि खंड में पहले गंगनहर में सिंचाई पानी की कमी के कारण बुवाई प्रभावित हो रही थी, लेकिन बाद में हुई बारिश ने इस क्षेत्र में बुवाई का क्षेत्रफल बढ़ाने में मदद की।

संयुक्त निदेशक ने क्या कहा?

इस बार अच्छी बारिश होने से श्रीगंगानगर और हनुमानगढ़ जिले में मूंग की अच्छी बुवाई हुई हुई है। हालांकि ग्वार की बुवाई लक्ष्य की तुलना में थोड़ी कम रही है। वहीं, कॉटन की बुवाई श्रीगंगानगर जिले में इस बार कम रही है। -डॉ. सतीश कुमार शर्मा, संयुक्त निदेशक, (कृषि) विस्तार, श्रीगंगानगर