
water overflow
श्रीगंगानगर.
सद्भावना नगर का गंदे पानी का गड्ढा एक बार फिर ओवरफ्लो हो गया है। इस कारण सद्भावना नगर जाने वाली मुख्य सड़क पर गंदा पानी आने से आवागमन बाधित हो रहा है। गड्ढे के आसपास बसे लोगों के घरों तक यह पानी पहुंच गया है। इससे उन्हें बदबू से भी परेशानी हो रही है। गड्ढे पर स्थापित किए गए पंप हाउस का बिजली कनेक्शन कटने के कारण यह समस्या पैदा हुई है। यह पानी पंप कर आगे खेतों में भेजा जाता था परन्तु अब सड़कों पर पसर रहा है। इस पानी को ट्रीट किए बिना नीलामी नहीं हो सकती ऐसे में यूआईटी के लिए यह गले की हड्डी बना हुआ है।
हर माह आता है करीब एक लाख का बिल
श्रीगंगानगर शहर का पूरा पानी बड़े नाले के जरिए यूआईटी की सबसे बड़ी कॉलोनी के पास खाली भूखंडों में पहुंचता है। हाईकोर्ट की रोक लगने से पहले इस पानी को नीलाम किया जाता था। जिससे यूआईटी को लाखों रुपए की आय होती थी। अब यूआईटी की कमाई बंद होने के कारण बिजली बिल भरना मुश्किल हो गया है जो प्रतिमाह करीब एक लाख रुपए का आता है।
बकाया राशि के चलते काटा कनेक्शन
पंप हाउस का करीब दो लाख रुपए का बिल बाकी है जिसके चलते जोधपुर विद्युत निगम के अधिकारियों ने सप्ताहभर पहले बिजली कनेक्शन काट दिया। पंप किए जाने बिना इस पानी की निकासी संभव नहीं है।
ठेकेदार ने दोनों तरफ से हाथ धोए
वर्षों तक गंदे पानी का ठेका लेने वाले मेजरसिंह को दोनों तरफ से नुकसान उठाना पड़ा है। बिना ट्रीट किए पानी की नीलामी पर रोक लगने के बाद यूआईटी अधिकारियों ने जब फरवरी-2017 में साहूवाला स्थित सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) के पानी की नीलामी की तो ठेका छुड़वाने वाले मेजरसिंह को आश्वासन दिया कि दो माह में पानी उपलब्ध करवा दिया जाएगा परन्तु आठ माह बीतने के बावजूद एसटीपी अभी तक शुरू नहीं हुआ है। उधर, बिजली कनेक्शन कटने से सद्भावना के भूखंडों में एकत्रित होने वाले पानी से भी वह वंचित हो गया है। मेजरसिंह ने 11.50 लाख रुपए में ठेका छुड़ाया था।
गंदे पानी को ट्रीट किए बिना नीलामी नहीं हो सकती। ऐसे में यूआईटी को होने वाली आय बंद हो गई है। पंप हाउस का बिजली कनेक्शन तभी जुड़वाया जाता है जब यह पानी समस्या पैदा करता है।
-कैलाशचन्द्र शर्मा, सचिव, नगर विकास न्यास, श्रीगंगानगर

Published on:
30 Oct 2017 07:38 pm
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