
teacher shortage and student disturb
राजियासर (श्रीगंगानगर). टिब्बा क्षेत्र की ग्राम पंचायत ठूकराणा के गांव रत्तासर के राजकिय उच्च प्राथमिक विधालय में अध्यापको की कमी के चलते आंठवी तक के बच्चो की शिक्षा की नींव कमजोर हो रही है। ऐसे में विष्य अध्यापको के चलते बच्चो को अधुरा ग्यान ही मिल रहा है। टिब्बा क्षेत्र के बारानी एरिया के गांव रत्तासर में शिक्षा के अभाव में सक्षम परिवार अपने बच्चो को अन्यत्र पढा रहे है। वही गरीब व लाचार परिवारो के ही बच्चे विधालय में अध्ययन कर रहे है।
बालिकाओ की संख्या डेढ गूणा-
विधालय में बालिकाओ की संख्या बालको की अपेक्षा ज्यादा है। विधालय में कुल 130 बालक बालिकाएं है जिसमें बालिकाओ की संख्या 80 व बालको की संख्या केवल 50 है। ऐसे में अध्यापको के अभाव में बेटिया पढाई को लेकर पिछड़ रही है। विधालय में उच्च शिक्षा के अभाव व आर्थिक कमजोरी के चलते अधिकांश बच्चे आंठवी के बाद स्कुल छोड़कर घरेलू कार्य खेती बाड़ी व मजदूरी में काम लग जाते है। इस गांव के लोग मात्र बरसात की खेती व ध्याड़ी मजदूरी पर ही निर्भर है। ऐसे में परिवार के पेट को लेकर शिक्षा की तरफ कम रुचि ले रहे है।
प्रधानाध्यापक सहित कई पद खाली-
विधालय में प्रधानाध्यापक, अंग्रेजी, हिन्दी, सामाजिक व संस्क्रत के पद रिक्त चल रहे है। वही थर्ड ग्रेड अध्यापक सहित एक प्रबोधक व दो शिक्षाकर्मी ही विधालय का अध्यापन करवा रहे है। ग्रामीणो ने कई बार जनप्रतिनिधियो व प्रशासन को विधालय क्रम्मोन्नती व पद भरने को लेकर मांग कर चूके है।
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छ: दशक पुराना है विधालय--
ग्रामीणो के अनुसार गांव का यह विधालय 6 दशक पुराना है। सन् 1954 में बना था, और 1998 में आंठवी तक क्रम्मोन्नत हुआ। ग्रामीण भागीरथ, शीशपाल, विनोद, कालूराम आदि ने बताया की आठवीं तक क्रम्मोन्नत हुए। विधालय को करीब 18 साल हो गए मगर अभी तक 10 वीं तक क्रम्मोन्नत नही हुआ। ग्रामीणो ने जल्द रिक्त पद भरने व विधालय क्रम्मोन्नत करने की मांग की है।
Published on:
14 Sept 2017 12:36 pm
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