बता दें कि इससे पहले सादुलशहर उपखण्ड क्षेत्र के जिन विभागों के अधिकारियों व कर्मचारियों की ड्यूटियां लगी हैं, उन अधिकारियों व कर्मचारियों की बैठक बुधवार को एसडीएम यशपाल आहुजा ने उपखण्ड अधिकारी कार्यालय में ली तथा इस सम्बंध में आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। एसडीएम आहुजा ने बैठक में मतगणना के दौरान व्यवस्था, राऊण्डवार गणना, मतगणना के बाद ईवीएम को सील करने व जमा करवाने आदि के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए आवश्यक निर्देश दिए। बैठक में तहसीलदार शिवभगवान रैगर, शिक्षा अधिकारी सुनील कुमार, प्रमोद ढाका, रोहताश सुथार, कृष्णकान्त शर्मा, अजय बंसल व गिरदावर आदराम नायक सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित थे।
बताते चलें कि श्रीगंगानगर संसदीय क्षेत्र से निहालचंद मेघवाल (
Modi minister Nihal Chand ) बीजेपी के और कांग्रेस से भरत राम मेघवाल ( Bharat Ram Meghwal ) प्रत्याशी हैं। निहालचंद फिलहाल केंद्र में मंत्री हैं। 2014 (
Loksabha Election 2014 ) में भी श्रीगंगानगर से निहालचंद ने जीत हासिल की थी। कुछ ही समय बाद रुझान मिलने लगेंगे और ये साफ होता चला जाएगा कि इस संसदीय क्षेत्र से कांग्रेस को बढ़त मिल रही है या फिर कमल का फूल खिलने जा रहा है।
भाजपा प्रत्याशी और निवर्तमान सांसद निहालचंद इस बार सातवीं बार भाजपा टिकट से चुनाव लड़ रहे है। वे चार बार सांसद चुने जा चुके है। लेकिन दो बार हार का सामना कर चुके है। वर्ष 1952 से लेकर 1971 तक कांग्रेस के पन्नालाल सांसद बनते रहे थे। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपनी टीम में निहालचंद को केन्द्रीय मंत्रिमंडल में केन्द्रीय राज्य मंत्री का पद तक दिया था।
रायसिंहनगर के पास बाजूवाला की एक ढाणी में जन्मे निहालचंद के पिता बेगाराम चौहान एक बार विधायक और दो बार सांसद रहे थे। बेगाराम की मृत्यु के बाद निहालचंद ने राजनैतिक पारी शुरू की। 1996 में 11वीं लोकसभा के चुनाव में गंगानगर से जीतकर उन्होंने देश में सबसे कम उम्र के सांसद होने का गौरव हासिल किया।
-दूसरी बार जीतने की उम्मीद बंधी
वहीं कांग्रेस प्रत्याशी भरतराम मेघवाल अपनी दूसरी जीत के प्रति आश्वास्त है। वर्ष 2009 में भरतराम ने निहालचंद को हराकर सांसद बनने का गौरव प्राप्त किया था। लेकिन वर्ष 2014 में भरतराम को टिकट नहीं मिला था, कांग्रेस ने तब पूर्व शिक्षा मंत्री भंवरलाल मेघवाल को अपना प्रत्याशी बनाया था। पिछले दस सालों से कांग्रेस ने यहां से जीत का स्वाद नहीं चखा है।
रावतसर में प्राइवेट स्कूल शिक्षक भरतराम मेघवाल साधारण परिवार से है। राज्य में इस बार कांग्रेस सरकार होने के कारण भरतराम ने दोनेां जिलों में प्रचार करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। उनके नामांकन दाखिल कराने के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने यहां आकर जनसभा तक की थी।