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.श्रीगंगानगर एआरएस की नेशनल स्तर पर दो गैर बीटी कॉटन की नई किस्में चिन्हित

नरमा की नई किस्में आरएस 2818 व आरएस 2827 की विकसित

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.श्रीगंगानगर एआरएस की नेशनल स्तर पर दो गैर बीटी कॉटन की नई किस्में चिन्हित

.श्रीगंगानगर एआरएस की नेशनल स्तर पर दो गैर बीटी कॉटन की नई किस्में चिन्हित

अच्छी खबर...श्रीगंगानगर एआरएस की नेशनल स्तर पर दो गैर बीटी कॉटन की नई किस्में चिन्हित

-नरमा की नई किस्में आरएस 2818 व आरएस 2827 की विकसित

श्रीगंगानगर

कपास पट्टी के नाम से विख्यात श्रीगंगानगर-हनुमानगढ़ सहित भारत के उत्तरी राज्यों पंजाब, हरियाणा व राजस्थान राज्य के सिंचित भू-भाग के किसानों के लिए अच्छी खबर है। कृषि अनुंसधान केंद्र श्रीगंगानगर के वरिष्ठ प्रजनक डॉ.विजय प्रकाश के नेतृत्व में एआरएस ने कपास परियोजना के अंतर्गत गैर बीटी नरमा की दो नई किस्में आरएस 2818 व आरएस 2827 इजाद की है। इसका लाभ इलाके के कॉटन उत्पादक किसानों को मिलेगा। हाल ही में वर्चुअल प्लेटफार्म पर संपन्न हुई कपास कार्यशाला में राष्ट्रीय स्तर पर भारत के उत्तरी राज्यों पंजाब, हरियाणा व राजस्थान राज्य के सिंचित भू-भाग के लिए कृषि अनुसंधान केंद्र श्रीगंगानगर के वैज्ञानिकों की विकसित की गई दो किस्मों को चिन्हित किया है। इन दोनों किस्मों का संघन पौध विन्यास (67.5 गुणा 20 सेमी) में अच्छा उत्पादन देने की क्षमता रखता है। दोनों ही किस्मों ने जोनल चैक किस्म सीएसएच 3075 के मुकाबले 16 से 17 प्रतिशत व स्थानीय किस्म आरएस 875 की अपेक्षा 25 प्रतिशत अधिक उत्पादन दिया है। इन किस्मों में कॉटन लीफ कर्ल वायरस भी अपेक्षाकृत कम लगता है। अब चिन्हित की गई किस्मों का नोटिफिकेशन होगा। इससे पहले एनपीजीआर में नरमे के बीज की डीएनए प्रोफाइल जमा करवाकर वहां से बीज का कोर्ड नंबर आवंटित करवाया जाएगा।

उत्पादन व गुणवत्ता में बेहतर
वरिष्ठ प्रजनक डॉ. विजय प्रकाश ने बताया कि आरएस-2818 तीन वर्षों के परिणाम के बाद 31 क्विंटल प्रति हैक्टेयर का उत्पादन दिया। इसके रेशे की लंबाई 27.36 मिलीमीटर व मजबूती 29.38 ग्राम व टेक्स पाई गई। टिंडे का औसत भार 3.2 ग्राम होता है। बिनोलों में 17.85 प्रतिशत तेल की मात्रा पाई गई। ओटाई 34.6 प्रतिशत आंकी गई। नरमा किस्म आरएस-2827 ने 30.5 क्विटल प्रति हैक्टेयर का औसत उत्पादन दिया है। इसके रेशे की लंबाई 27.22 मिलीमीटर व मजबूती 28.86 ग्राम व टेक्स आंकी गई। टिंडे का औसत वजन 3.3 ग्राम होता है। बिनोलों में तेल की मात्रा 17.2 प्रतिशत तक होती है।

इनका भी रहा सहयोग

इन किस्मों के विकास में कपास परियोजना के व्याधि विशेषज्ञ डॉ.प्रदीप कुमार, कीट वैज्ञानिक डॉ.रूप सिंह मीणा व वरिष्ठ शस्य वैज्ञानिक डॉ.आरपीएस चौहान का सहयोग रहा है। स्वामी केशवानंद राजस्थान कृषि विश्व विद्यालय बीकानेर के कुलपति प्रो. रक्षपाल सिंह व कृषि विश्व के निदेशक अनुसंधान डॉ.प्रकाश सिंह शेखावत ने एआरएस की टीम का हौसला बढ़ाया।

पहले भी हुई है किस्में विकसित
कृषि अनुंसाधन केंद्र पर इससे पहले श्रीगंगानगर आगेती, बीकानेरी नरमा, आरएस 810, आरएस 875, राज एचएच-16, आरएस 2013 व आरएस टी 9 किस्में विकसित की जा चुकी है।

एआरएस की नरमें की दो गैर बीटी किस्मों को चिन्हित किया गया है। इन किस्मों की समय पर बुवाई व स्प्रे शेड्यूल का ध्यान रखने पर बीटी कॉटन के बराबर उपज प्राप्त की जा सकती है। पिछले वर्ष भी केंद्र ने नरमा की नई किस्म आरएस 2814 विकसित की गई थी।

उम्मेद सिंह शेखावत,क्षेत्रीय निदेशक,कृषि अनुसंधान केंद्र,श्रीगंगानगर।