
Suratgarh News: नवंबर माह के दूसरे सप्ताह से ही समूचे उत्तर भारत में कोहरा ने अपना असर दिखाना शुुरु कर दिया है। जिसके बाद भारतीय रेल भी एलर्ट मोड पर आ गया है। उत्तर पश्चिम रेलवे की ओर से सर्दी व कोहरे के मौसम में संरक्षित रेल संचालन के लिए विशेष अभियान चलाया जा रहा है। पैसेंजर व गुड्स ट्रेनों में फॉग सेफ्टी डिवाईस स्थापित करने का कार्य तेज गति से जारी है। इसके साथ ही रेल संचालन से जुड़े कर्मचारियों को विशेष निर्देश के साथ-साथ बाधा रहित ट्रेन संचालन के लिए आवश्यक उपकरणों के उपयोग के निर्देश दिए गए हैं।
सर्दियों में पडऩे वाला घना कोहरा एक तरफ जहां आम जनजीवन को प्रभावित करता है, वहीं इसका सबसे अधिक असर रेल यातायात पर पड़ता है। खासकर उत्तर पश्चिम भारत के मैदानी इलाकों में छाने वाला कोहरा रेलवे के लिए सबसे बड़ा सिरदर्द है। घने कोहरे की वजह से विजिबिलिटी बेहद ही कम हो जाती है और ऐसे में ट्रेनों को चलाना बड़ा ही मुश्किल भरा काम होता है। खासकर उत्तर पश्चिम रेलवे के लिए घने कोहरे के दौरान रेलगाडिय़ों का नियमित और सुरिक्षत संचालन करना सबसे चुनौती भरा कार्य होता है। ऐसे में अब उत्तर पश्चिम रेलवे की ओर से कोहरे के दौरान ट्रेनों के सुरक्षित संचालन और यात्रियों की सुरक्षा के लिए आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है।
उत्तर पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी कैप्टन शशि किरण ने बताया कि सर्दियों के मौसम में कोहरे और रेल फ्रेक्चर के कारण ट्रेनों के संचालन में लगातार अवरोध बना रहता है। इस कारण ट्रेनें कई घंटों तक लेट चलती है। उत्तर पश्चिम रेलवे में बीकानेर मंडल तथा जयपुर मंडल कोहरे से सर्वाधिक प्रभावित होने वाले मंडल हैं। इनमें विशेष तौर पर बीकानेर मंडल के सूरतगढ़-बठिण्डा-हिसार रूट कोहरे की दृष्टि से रेड जोन में कह सकते हैं। ऐसे में उत्तर पश्चिम रेलवे की ओर से कोहरे के मौसम में सुरक्षित रेल संचालन के लिए लोको पायलटों को इंजन में उपयोग के लिए फॉग सेफ्टी डिवाइस दिए जा रहे हैं। अब तक चारों मंडलों को कुल 875 फॉग सेफ्टी डिवाइस दिए जा चुके हैं। जिनमें से अजमेर मंडल को 30, बीकानेर मंडल को 320, जयपुर मंडल को 327 और जोधपुर मंडल को 198 फॉग डिवाईस आवंटित किए गए हैं।
उत्तर पश्चिम रेलवे की ओर से सर्दियों में जिन रेल खण्डों पर पटरियों के फ्रैक्चर की संभावना अधिक होती है, वहां अत्याधुनिक अल्ट्रासाऊंड मशीनों का उपयोग किया जाएगा। जो कि पटरियों में फ्रैक्चर को तुरंत भांपकर रेल अधिकारियों को सचेत कर देगी। ऐसे क्षेत्रों में जहां पटरियों में फ्रैक्चर की संभावना अधिक रहती है वहां विशेष कोल्ड वैदर पेट्रोलिंग की जा रही है। ट्रेक की तुरंत मरम्मत के लिए जगह-जगह आवश्यक सामग्री व उपकरणों का भंडार बनाया गया है। इससे समय रहते रेल अधिकारी पटरियों को दुरूस्त कर सकेंगे। इसके अलावा रेलवे ने आवश्यकतानुसार रेल खंडों में गति प्रतिबंध लगाने के निर्देश जारी किए गए हैं।
उत्तर पश्चिम रेलवे की ओर से कोहरे के कारण साधारणत: विलंब से चलने वाली तथा कम यात्रीभार वाली ट्रेनों की समीक्षा भी की जा रही है। रेलवे की ओर से इन ट्रेनों को निश्चित अवधि के लिए रद्द कर ट्रेन के डिब्बों और स्टाफ को अन्य स्थानों पर उपयोग किया जा सके। ट्रेनों को रद्द करने को लेकर रेल यात्रियों में कहीं न कहीं चिंता का माहौल है।
Updated on:
13 Nov 2024 09:18 pm
Published on:
13 Nov 2024 09:14 pm
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