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प्रथम श्रेणी पशु चिकित्सालयों में न चिकित्सक और न दवाएं, कैसे हो पशुधन का उपचार

लंबे समय से सूरतगढ़ ब्लॉक में पशु चिकित्सा के हालात बेहद चिंताजनक हैं। यहां एक दर्जन चिकित्सकों के पद आज भी रिक्त चल रहे हैं। वहीं पशु चिकित्सालयों में सरकार की ओर से स्वीकृत निशुल्क दवाओं में लगभग आधी ही उपलब्ध हैं।

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सूरतगढ़ शहर का प्रथम श्रेणी राजकीय पशु चिकित्सालय

SuratgarhNews: पशु संपदा की दृष्टि से समृद्ध सूरतगढ़ उपखंड में पशु चिकित्सा एक दशक से बीमार है। हाल में सरकार ने ब्लॉक में पशु चिकित्सा में सुधार के लिए बीरमाना में नये प्रथम श्रेणी राजकीय पशु चिकित्सालय सहित उप केन्द्रों की संख्या बढ़ाते हुए छह नये पशु चिकित्सकों की नियुक्ति की है। लेकिन पशु चिकित्सकों की नियुक्ति में नोडल केन्द्र सूरतगढ़ सहित राजियासर जैसे महत्वपूर्ण प्रथम श्रेणी राजकीय चिकित्सालयों की अनदेखी की गई। उपकेन्द्रों की बात करें तो, यहां एक दर्जन चिकित्सकों के पद आज भी रिक्त चल रहे हैं। वहीं पशु चिकित्सालयों में सरकार की ओर से स्वीकृत निशुल्क दवाओं में लगभग आधी ही उपलब्ध हैं। ऐसे में पशुधन और पशुपालकों को राहत पहुंचाने के सरकारी प्रयास आधे अधूरे नजर आते हैं।

यह है राजकीय पशु चिकित्सालयों के आंकड़े

पशु चिकित्सा विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार ब्लॉक में 3 प्रथम श्रेणी राजकीय पशु चिकित्सालय, दस पशु चिकित्सालय तथा 28 उपकेन्द्र हैं। इनमें नोडल केन्द्र सूरतगढ़ सहित राजियासर व बीरमाना तीन प्रथम श्रेणी राजकीय पशु चिकित्सालय हैं। सूरतगढ़ चिकित्सालय में एक आरोग्य पशु चिकित्सा चल इकाई भी स्थापित है। वहीं देईदासपुरा, जानकीदासवाला, सरदारगढ़, रामसरा जाखड़ान, सरदारपुरा बीका, 1 एसटीबी, फरीदसर, ढाबा झालार, घमण्डिया, भैरूपुरा सीलवानी में पशु चिकित्सालय हैं। जबकि श्रीगोशाला सूरतगढ़, बख्तावरपुरा, उदयपुरा गोदारान, ठुकराना, रायांवाली, गोपालसर, राजपुरा पीपेरण, सरदारपुरा खर्था, सोमासर, मोकलसर, प्रभातनगर, 2 एमएनडब्ल्यूएम (मानेवाला), संघर, रघुनाथपुरा, भगवानगढ़, निरवाना, गोविंदसर, गुरुसर मोडिया, 2 एसजीएम, सादकवाला, भोजेवाला, पदमपुरा, रंगमहल, सरदारपुरा बीका, रघुनाथपुरा, देईदासपुरा सहित कुल 28 पशु चिकित्सा उपकेन्द्र स्थापित हैं। ऐटा में एकमात्र पशु औषद्यालय भी संचालित है।

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सरकार की ओर से चिकित्सक लगाने में नोडल केन्द्रों की अनदेखी

लंबे समय से सूरतगढ़ ब्लॉक में पशु चिकित्सा के हालात बेहद चिंताजनक हैं। हाल में राज्य सरकार ने पशु चिकित्सा व्यवस्था में सुधार के लिए बीरमाना पशु चिकित्सालय को प्रथम श्रेणी राजकीय पशु चिकित्सालय में क्रमोन्नत करते हुए उपकेन्द्रों की संख्या भी बढ़ाई थी। जिसके बाद ब्लॉक में छह नये चिकित्सकों की नियुक्ति की गई। लेकिन इनमें अधिकांश चिकित्सक केवल पशु चिकित्सालयों में ही लगाए गए, जबकि एक चिकित्सक बीरमाना के प्रथम श्रेणी राजकीय पशु चिकित्सालय में लगाया गया। लेकिन नोडल केन्द्र सूरतगढ़ तथा टिब्बा क्षेत्र के पशुधन का भार संभालने वाले राजियासर के प्रथम श्रेणी राजकीय पशु चिकित्सालय की अनदेखी की गई। रिक्त पदों की बात करें तो, तीन पशु चिकित्सालयों तथा 13 उपकेन्द्रों में आज भी चिकित्सक नहीं हैं।

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पशु चिकित्सालयों में पूरी दवाएं तक उपलब्ध नहीं

ब्लॉक में पशु चिकित्सकों के साथ सरकार की तरफ से पशुओं के लिए निशुल्क मिलने वाली दवाओं का भी टोटा है। करीब डेढ वर्ष तक राजकीय पशु चिकित्सालयों में दवाओं की आपूर्ति ठप पड़ी रही। जिसके बाद आपूर्ति तो शुरु हुई लेकिन अब भी सरकार की ओर से स्वीकृत दवाओं में आधी ही उपलब्ध हैं। इनमें केवल सर्दी, बुखार व दर्द आदि दवाएं ही हैं। नोडल अधिकारी डॉ. एसके श्योराण ने बताया कि नोडल केन्द्र सूरतगढ़ तथा राजियासर में सीनियर वेटनरी ऑफिसर का पद रिक्त होने के कारण परेशानी हो रही है। ब्लॉक में पर्याप्त पशु चिकित्सकों के अभाव में पशुधन को समुचित उपचार देने में परेशानी होती है। वहीं पशुपालकों को भी पर्याप्त सुविधाएं नहीं मिल पा रही हैं। इस संबंध में उच्चाधिकारियों को अवगत करवाया गया है।