
प्यासे प्याऊ : प्याऊ में वाटर कूलर और टोंटी गायब
श्रीगंगानगर. गर्मी और उमस में राहगीरों की प्यास बुझाने के लिए अधिकांश प्याऊ खुद प्यासे हांफ रहे है। इलाके में कई समाजसेवी संस्थाओं और दानदाताओं ने अपने बजट से राशि खर्च कर प्याऊ लगवाए थे। किसी संस्थान ने उच्चाधिकारियों के कहने पर तो किसी ने अपने परिवारिक सदस्य की स्मृति में प्याऊ लगाकर पुण्य कमाने का प्रयास किया। लेकिन सार संभाल नहीं होने के कारण अधिकांश प्याऊ अब जर्जर हालत में है।
कई प्याऊ के वाटर कूलर उखाड़े जा चुके है तो किसी में पानी का कनैक्शन तक नहीं है। वहीं कई प्याऊ का तो नामोनिशान तक मिट चुका है।
केन्द्रीय कारागृह में बंदियों के परिचितों और पारिवारिक सदस्यों के आने के दौरान प्यास बुझाने के लिए लक्कड़मंडी के व्यापारी चंदूलाल गुप्ता नलवा वाले ने एक जून 1997 में केन्द्रीय कारागृह के गेट पर ही जल मंदिर व वाटर कूलर लगवाया था। इस जल मंदिर का बकायदा लोकार्पण तत्कालीन जेल अधीक्षक उम्मेद सिंह राठौड़ ने किया था। लेकिन यह जल मंदिर अब बंद हो चुका है।
इसमें रखा वाटर कूलर भी कोई उखाड ले गया। यहां तक कि इस कक्ष का इस्तेमाल कोई प्राइवेट लोग कर रहे है। इसी तरह पुरानी छोटी धानमंडी के दोनों गेट पर प्याऊ लगाए गए थे। इसमें से एक में तो वाटर कूलर अब भी संचालित हो रहा है। लेकिन दूसरे छोर पर प्याऊ का कक्ष नगर परिषद के तत्कालीन अधिकारियों ने एक दुकानदार को खांचा भूमि दर्शाकर बेचान तक कर दिया।
हालांकि इस मामले में शिकायतें होने के बाद जांच भी कराई गई लेकिन इसका परिणाम नहीं निकला है। हालांकि अब भी यह कक्ष मौजूद है।इस भीषण गमी और चिलचिलाती ाूप में राहगीरों का गला तर करने के लिए ठंडे जल के प्याऊ खुद ही प्यासे है। एेसे में बाजार एरिया में लोगों को मजबूरन शीतल पेय खरीदने की मजबूरी है।
केन्द्रीय बस स्टैण्ड में विभिन्न समाजसेवी संस्थाओं की ओर से वाटर कूलर लगवाए गए लेकिन इनमें ठंडा पानी कम आता है। इस कारण बस स्टैण्ड पर यात्रियों को मजबूरन पेयजल के लिए बोतल खरीदनी पड़ती है।
हालांकि वहां विभिन्न समाजिक संस्थाओं की ओर से समय समय पर शीतल पेयजल की छबीलें भी लगाई जाती है। इधर, पुरानी धानमंडी में एक दानदाता की ओर से एक बड़ा कमरा और बरामदा भी बनवाया गया था। लेकिन साढ़े चार दशक से अधिक का समय बीतने के बाद इसकी सार संभाल नहीं हुई तो वहां चाय की थड़ी लग गई। यह कब्जा भी इस चाय की थड़ी के संचालक के पास है।
यही स्थिति सुखाडि़या सर्किल पर है। वहां भी एक समाजसेवी संस्था की ओर से अस्थायी बस स्टैण्ड पर वाटर कूलर लगवाया गया था। लेकिन इस चैम्बर के पास खाली जगह पर पड़ौस के दुकानदार ने कब्जा कर लिया। इस अतिक्रमण की शिकायत को लेकर कुछ लोग कलक्ट्रेट पर धरने पर बैठे तो जिला प्रशासन ने वाटर कूलर और इसके साथ वाले चैम्बर को ध्वंस्त कर दिया।
वहीं, सुखाडि़या सर्किल रामलीला मैदान के कार्नर से लेकर दुर्गा मंदिर मार्केट के रमेश चौक तक आचार्य तुलसी मार्ग पर स्थित एक चिकित्सक ने अपनी क्लीनिक में आने वाले रोगियों और उनके परिजनों की प्यास बुझाने के लिए पानी के तीन कैम्पर रखवाए है। इससे न तो बिजली पानी के कनैक्शन की जरुरत नहीं रहती।
Published on:
14 Jul 2021 07:22 pm
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