
bad school situation student disturb
10 सरकारी. सरकार सरकारी विद्यालयों में भले ही सुख सुविधाओं का ढिंढोरा पीट रही हो परन्तु ग्राम पंचायत मुख्यालय से 3 किलोमीटर दूर स्थित चक 14 एसडी का राजकीय प्राथमिक विद्यालय सरकार के इन दावों की पोल सामने लाने व देश में 1 अपैल 2010 से प्रभाव में आये नि:शुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम के प्रावधानों की भी खुलकर उड़ रही धजियों का एक अच्छा उदाहरण है।
नि:शुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 की धारा 19 के अनुसार वर्णित अनुसची में प्रत्येक विद्यालय में सभी मौसम वाला भवन, सुरक्षित और पर्याप्त पेयजल, रसोई जहां दोपहर का भोजन विद्यालय में पकाया जाए व खैल का मैदान होने का प्रावधान रखा गया है। परन्तु इस विद्यालय में इन सभी सुविधाओं का अभाव है। सबसे प्राथमिक आवश्यकता स्वच्छ पिने का पानी भी बच्चों को नसीब नहीं हो रहा। बच्चे आज भी हैंडपंप का फ्लोराईड युक्त खारा पानी पी रहे हैं।
विद्यालय में पानी भण्डारण के लिये डिग्गी निर्मित है परन्तु उसके लिये न तो पानी की बारी बंधी हुई है और न ही वाटर वक्र्स की पाईप लाईन से जोड़ा गया है। करीब पांच वर्ष पूर्व 10 सरकारी के वाटरवक्र्स से चक की ढाणियों व विद्यालय के लिये पानी पहुँचाने के लिये पाईप लाईन डाली गई थी परन्तु लेवल सही नहीं होने से इसमें एक दिन भी पानी नहीं चला। विद्यालय से महज दस फिट की दूरी पर विद्युत पोल लगा होने के बावजूद बिजली कनैक्शन नहीं है। जिससे गर्मी के दिनों में कमरों में बैठना अत्यधिक मुश्किल है।
विद्यालय में कुल तीन कमरे बने हुए है परन्तु तीनों में ही दरारें आने के कारण अध्यापक इनमें बच्चों को बैठाने से डरतें हैं। एक कमरे की दीवार ज्यादा नीचे धसकने से इसका दरवाजा स्थाई रूप से बंद हो गया था जिसे मरम्मत करवाकर कुछ ठीक करवाया गया है। विद्यालय में पंचायत द्वारा 5 वर्ष पूर्व रसोई का निर्माण करवाया गया था जो निर्माण के कुछ महिने बाद ही जर्जर हालात में हो गई थी। रसोई का फर्श जगह जगह से नीचे धंसने से टूट गया है व छत बीच में से लचक जाने के कारण बरसाती पानी रसोई के अंदर ही टपकता है।
छत गिरने के खतरे के चलते पोषाहार खुले में पकाया जाता है। आस पास की ढाणियों मे बसे ग्रामीणों के बच्चों की शिक्षा के लिये राजीव गांधी पाठशाला के रूप में वर्ष 1999 में स्थापित किये गये इस विद्यालय का वर्ष 2004 में नाम बदलकर भले ही राजकीय प्राथमिक विद्यालय कर दिया गया हो परन्तु विद्यालय के बच्चों के लिये आवश्यक सुविधाओं की और कोई ध्यान नहीं दिया गया। प्रधानाध्यापक पतराम सुथार का कहना है कि नि: शुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम लागू होने के बावजूद भी विद्यालय के बच्चों को फ्लोराइड युक्त खारा पानी पीना पड़ रहा है जो दुर्भाग्य की बात है।
खारा पानी पिने से बच्चों के दांत खराब हो रहे हैं व अस्थि की बिमारिया बढ रही है। विद्यालय में बजट का अभाव है इसलिये भवन की मरम्मत व बिजली कनैक्शन नहीं करवा सकते जिससे बच्चों को परेशानी हो रही है। फोटो -10एसआर2503001 चक 14 एसडी के प्राथमिक विद्यालय में खारा पानी पिते बच्चे 10एसआर2503002 चक 14 एसडी के प्राथमिक विद्यालय भवन में आई दरारें।
Published on:
29 Mar 2018 05:30 pm
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