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Video: आयुष चिकित्सकों के भरोसे उपचार

- 65 में से एक डॉक्टर ड्यूटी पर-राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम, आयुष विभाग और बीकानेर से बुलाए चिकित्सक

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single doctor is not in government hospital

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श्रीगंगानगर. अखिल राजस्थान सेवारत चिकित्सक संघ के आह्वान पर चिकित्सकों के त्यागपत्र सौंपने के बाद सोमवार को शहर के राजकीय जिला चिकित्सालय में हालात बेकाबू नजर आए। यहां कार्यरत ६५ चिकित्सकों में से सेवारत चिकित्सकों में केवल एक ड्यूटी पर पहुंचा । इसके अलावा करीब आठ संविदा और आयुष चिकित्सकों के भरोसे ही चिकित्सालय की व्यवस्था। आपातकालीन इकाई में भी आयुष चिकित्सक बैठाया गया वहीं आउटडोर में रोगी चक्कर काटकर परेशान होते दिखे।

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दंत रोग, नेत्र रोग, मेडिसन विभाग, रति एवं चर्म रोग, अस्थि रोग सहित विभिन्न रोगों के आउट डोर के बाहर बैंचों पर रोगी बैठे डॉक्टर का इंतजार करते नजर आए। रोहिडांवाली के मदनलाल का कहना था कि वह सुबह नौ बजे से डॉक्टर का इंतजार कर रहा है, उसे अस्थि रोग वार्ड में चिकित्सक से जांच करवानी थी लेकिन उसे डॉक्टर नहीं मिल रहा था। यही हालात दो केएसआर के पप्पू की थी, उसे अपनी एक परिजन के आंख की जांच करवानी थी लेकिन सुबह से डॉक्टर उसे नहीं मिला था।

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इनके भरोसे चिकित्सा व्यवस्था
एलोपैथी चिकित्सकों की हड़ताल के बाद सरकार ने संविदा पर कार्यरत कुछ चिकित्सकों को व्यवस्था संभालने का दायित्व दिया वहीं शेष कार्य आयुष चिकित्सकों के भरोसे रहा। चिकित्सालय के कमरा संख्या नौ में करीब नौ चिकित्सक बैठे नजर आए। इनमें राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत होम्योपैथी चिकित्सक डॉ.पूर्णिमा, डॉ.एकता और डॉ.प्रदीप तथा आयुष चिकित्सक डॉ.शैलेंद्र, डॉ.अमित शर्मा, डॉ.पवन सोलन और डॉ.वाटिका को लगाया गया था। इसके अलावा आयुष विभाग से डॉ.अशोक अरोड़ा और डॉ.मुस्कान अरोड़ा को भी काम संभालने की जिम्मेदारी दी गई।

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आईसीयू में एक डॉक्टर
चिकित्सालय के प्रथम तल पर बनी गहन चिकित्सा इकाई में भी हड़ताल का असर साफ नजर आया। यहां गंभीर रोगी को भर्ती किया जाता है लेकिन इसकी तीन यूनिट संभालने के लिए केवल एक ही चिकित्सक है तथा वह भी बीकानेर से यहां बुलाए गए हैं । आईसीयू स्टाफ के अनुसार आईसीयू यूनिट की जिम्मेदारी डॉ. पवन सैनी, डॉ.रवींद्र और डॉ.प्रेम अरोड़ा के जिम्मे हैं लेकिन तीनों के त्यागपत्र सौंपने के बाद अब बीकानेर स्थित मेडिकल कॉलेज के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ.श्यामलाल मीणा को यह दायित्व दिया गया है। स्टाफ सदस्यों ने बताया कि आपात स्थिति होने पर डॉ.मीणा को मौके पर बुला लिया जाएगा। यहां स्थिति यह है कि रविवार तक आठ रोगी थे लेकिन इनमें से तीन की स्थिति ठीक होने पर उन्हें छुट्टी दे दी गई। अब यहां आईसीयू में पांच रोगी हैं।

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वार्डों में डॉक्टरों ने की जांच
इसके अलावा वार्डों में भी बीकानेर से आए डॉ.मीणा ने ही रोगियों की स्थिति जांची। इसके अलावा मेल सर्जिकल वार्ड में डॉ.राघव टांटिया भी जांच के लिए पहुंचे। चिकित्सालय में पीएमओ सुनीता सरदाना भी त्यागपत्र देने वाले चिकित्सकों में शामिल हैं।

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