श्रीगंगानगर। नाथांवाला सरपंच संदीप नाथ ने पिछले दिनों सदर पुलिस की ओर से उनको शांतिभंग के आरोप में गिरफ्तार करने के मामले में अपने समर्थकों की बैठक पंचायत धर्मशाला में बुलाई। इस बैठक से सियासत तेज हो गई। आम आदमी पार्टी की जन सभा होने के करीब चौबीस घंटे के अंदर ही इलाके में राजनीति सरगर्मियां तेज हो गई है। इस बैठक के बाद सड़कों पर उतरे लोगों ने विधायक राजकुमार गौड़ के खिलाफ नारेबाजी की। इससे पहले इस बैठक में कांग्रेस नेता अशोक चांडक के अलावा कई पार्षद भी पहुंचे।
इस सभा में सरपंच संदीप नाथ का साफ साफ कहना था कि अगले चार महीने तक पुलिस से न्याय मिलने की उम्मीद कम है। पिछले दिनों हुई सदर पुलिस की ओर से की गई कार्रवाई पर उन्होंने पुलिस की बजाय विधायक राजकुमार गौड़ की भूमिका पर सवाल उठाते हुए नपे तुले शब्दों में आरोप लगाया कि विधायक गौड़ उसके परिवारिक सदस्यों को इस विवाद में न घसीटे। इससे पहले सरपंच के भाई ने सदर पुलिस की ओर से की गई ज्यादती का आरोप लगाया। उसका कहना था कि थाने के आगे हमने पारस सारस्वत पर दो थप्पड़ मारे थे और पुलिस ने हमसे मारपीट की। पुलिस तो सरपंच को गिरफ़तार कर जमानत करवाना नहीं चाहती थी ताकि अड़तालीस घंटे पुलिस हिरासत में दिखाकर सरपंची के अयोग्य कर दिया जाएं लेकिन अगले दिन जमानत हो गई। जब गांव की महिलााएं समर्थन में आई तो उन पर भी पुलिस ने लाठीचार्ज किया।
विधायक के दबाव में पुलिस काम कर रही है। इस दौरान कांग्रेस नेता अशोक चांडक, पूर्व सभापति अजय चांडक, संदीप चांडक, कुम्हार सभा के जिलाध्यक्ष महेन्द्र बागड़ी, पार्षद विजेन्द्र स्वामी, किशन चौहान, राधेश्याम माटा, पूर्व पार्षद भरतपाल मय्यर, संदीप शर्मा, अमरजीत रामगढि़या, सतपाल चावला, बाल किशन कुलचानियां, बंटी वाल्मीकि के अलावा कई गांवों से भी लोग शामिल हुए। इसके बाद रोष मार्च निकाला गया। यह मार्च पंचायत धर्मशाला से कलक्ट्रेट तक पहुंचा। इस दौरान मुख्यमंत्री के नाम का ज्ञापन जिला प्रशासन और पुलिस अधीक्षक को दिया गया।
सरपंच ने रोष मार्च के बाद पुलिस और जिला प्रशासन को दिए गए इस ज्ञापन में बताया कि विकास कार्यो का शिलान्यास विधायक राजकुमार गौड़ ने किया था।इसी शिलान्यास पटि़टका को तोड़ने के विवाद में उसे रीको पुलिस चौकी में पूरे दिन बिठाकर मानसिक रूप से प्रताडि़त किया गया। इस संबंध में अगले दिन सीओ सिटी प्रशांत कौशिक को ज्ञापन दिया तो उसी रात को आपसी बोलचाल के विवाद में पुलिस ने पहले शांतिभंग में गिरफ़तार किया और उस पर राजकार्य में बाधा डालने का मामला दर्ज कर लिया। इस पूरे प्रकरण की निष्पक्ष जांच की मांग की है।
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इस बीच, विधायक राजकुमार गौड़ ने बताया कि नाथांवाला में विकास कार्य करवाने के लिए कभी कोई कसर नहीं छोड़ी। अब किसी की विचारधारा नहीं मिलती है तो वह सरपंच जानता है। हमनें व्यक्तिगत द्वेषता कभी रखी नहीं। सरपंच का विवाद जिस युवक के साथ हुआ वह तो सरपंच का समर्थक हैं। कानूनी कार्रवाई के लिए पुलिस स्वतंत्र है। चंद लोग भ्रामक प्रचार कर छवि बिगाड़ना चाहते है लेकिन हकीकत जगजाहिर है।