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हे भगवान! बात कर रहे पडोसी मुल्क से युद्ध की, यहां इन दो प्रदेशों के बीच छिड़ ही गई पानी के लिए ‘जंग’

कर्नाटक में जलाश्यों और बेसिन का जलस्तर घटने की गंभीरता पर लंबी चर्चा के बाद विधानसभा ने तमिलनाडु को पानी नहीं देने संबंधी प्रस्ताव पारित किया।

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सागर

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Nakul Devarshi

Sep 24, 2016

कर्नाटक विधानसभा में शुक्रवार को सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित किया गया जिसके तहत पानी की कमी को देखते हुए कावेरी नदी से जुड़े चारों जलाशयों के पानी को सिर्फ पेयजल के तौर इस्तेमाल करने को कहा गया है।

विधानसभा में नेताओं ने जलाश्यों और बेसिन का जलस्तर घटने की गंभीरता पर लंबी चर्चा की इसके बाद विपक्षी दल भाजपा और जेडी(एस) ने विधानसभा और विधान परिषद में इस प्रस्ताव को पेश किया जिसका सत्ताधारी कांग्रेस ने समर्थन किया।

चर्चा में कहा गया कि कावेरी बेसिन में स्थित जलाशयों में पानी की कमी है और अलगे साल मानसून से पहले वहां पेयजल की भी कमी हो सकती है। विधान परिषद में भी एक ऐसा ही प्रस्ताव पेश किया गया जिसमें नेताओं ने जलाशयों की वर्तमान स्थिति का उल्लेख किया, जहां जल स्तर खतरनाक स्तर तक नीचे पहुंच गया है।

विधानसभा और विधान परिषद का यह विशेष सत्र उच्चतम न्यायालय के उस फैसले के बाद बुलाया गया था जिसके तहत 21 सितंबर से कर्नाटक को तमिलनाडु को छह हजार क्यूसेक पानी छोडने को कहा गया था।