
1 जुलाई से बैन: अमूल, मदर डेयरी को नहीं मिली राहत, आपके घर से भी गायब होंगे ये समान
नागपुर: देशभर में एक जुलाई से सिंगल यूज प्लास्टिक (Single Use Plastic) से बने 19 तरह के उत्पाद बैन हो चुके हैं। इस बीच नागपुर नगर निगम (एनएमसी) पकड़े गए 47 मीट्रिक टन (एमटी) सिंगल यूज प्लास्टिक की नीलामी करने जा रहा है। दरअसल एनएमसी इसे रीसाइक्लिंग के लिए भेजना चाहती थी लेकिन ऐसा हो नहीं पाया, जिस वजह से इसके दुरुपयोग की संभावना बढ़ रही थी। बता दें कि सिंगल यूज प्लास्टिक को रिसाइकिल नहीं किया जा सकता, लेकिन इसके बावजूद एनएमसी ने इसे कई सालों तक संभाल कर रखा।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, नीलामी 8 जुलाई को दोपहर 12.30 बजे शुरू होगी। एक अधिकारी ने कहा, "एनएमसी ने 50 माइक्रोन से पतली प्लास्टिक को जब्त करने का अभियान 2017 में सरकार द्वारा प्रतिबंधित किये जाने के बाद शुरू किया गया था। अब इस नीलामी से कुछ राजस्व उत्पन्न होने की उम्मीद है।“ यह भी पढ़ें-ऑनलाइन मंगवाया 43 हजार का फोन, फिर बहाना बनाकर बॉक्स में साबुन रख लौटाया, 5 युवकों पर केस दर्ज
पर्यावरण संरक्षण से जुड़े लोगों का कहना है कि नागपुर नगर निगम को प्लास्टिक को वैज्ञानिक तरीके से डिस्पोज करना चाहिए था, जबकि उन्होंने इसे स्टोर करके रखा था।
विशेषज्ञों का कहना है कि सभी सिंगल यूज प्लास्टिक को रिसाइकिल नहीं किया जा सकता है। प्लास्टिक बहुत लंबे समय तक पर्यावरण में रहते है और माइक्रो प्लास्टिक में बदल जाते है जो हमारे भोजन और शरीर में प्रवेश कर जाते है। यह बहुत हानिकारक है। इसे बेचने पर भी अच्छी कीमत नहीं मिलती है।
वहीँ, थर्मोसेट प्लास्टिक में पॉलिमर होते हैं जो अपरिवर्तनीय रासायनिक बॉड बनाते हैं और उन्हें रिसाइकिल करना नामुमकिन है। लेकिन इसे फिर से पिघलाकर ढाला जा सकता है।
एनएमसी अधिकारियों ने कहा कि वे यह सुनिश्चित करेंगे कि नीलाम की गई प्लास्टिक का कोई दुरुपयोग न हो। सूत्रों ने कहा, "कई सीमेंट निर्माण संयंत्र और कारखाने हैं जहां इस तरह के प्लास्टिक का उपयोग ईंधन के रूप में किया जा सकता है।"
यह हुआ बैन!
सिंगल यूज प्लास्टिक से बना 19 उत्पाद- गुब्बारा, प्लास्टिक झंडा, कैंडी-आइसक्रीम में लगने वाली प्लास्टिक स्टिक, थर्माकॉल से बनी प्लेट, कप, गिलास, प्लास्टिक के चम्मच, कांटे, चाकू, तश्तरी के अलावा मिठाई के डिब्बों, निमंत्रण पत्र और सिगरेट पैकेट की पैकेजिंग में इस्तेमाल होने वाली प्लास्टिक फिल्म व 100 माइक्रॉन से कम के प्लास्टिक या पीवीसी बैनर।
Published on:
04 Jul 2022 03:30 pm
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