
मजार की गेट
मैकराबर्टगंज स्थित पीडब्ल्यूडी कालोनी में बनी एक मजार को लेकर मंगलवार देर शाम को विश्व हिन्दू परिषद और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने जमकर हंगामा किया । बजरंग दल के कार्यकर्ताओं और स्थानीय लोगों का आरोप है कि यह मजार एक साजिश के तहत यहां पर स्थापित की है और अब इस मजार को धीरे धीरे विस्तार करके एक धार्मिक स्थल में तबदील किया जा रहा है ।
स्थानीय लोगों का कहना है कि मजार सरकारी जमीन पर बना है और इसका पानी और बिजली सभी सुविधा सरकारी है। मौके पर पहुंचकर कानपुर पुलिस ने हंगामें को शांत कराया। इसके बाद मजार के अंदर अवैध रूप से हो रहे निर्माण को गिराया गया। पुलिस ने सभी मामलों की जांच के आदेश दिए हैं।
ग्वालटोली थानाक्षेत्र स्थित मैकरावर्टगंज कालोनी के सामने पीडब्ल्यूडी कालोनी है। वहीं पर एक खाली पड़ी जमीन पर छोटा सा मजार बना हुआ है। उन्नाव में तैनात अधीक्षण अभियंता अखिलेश दिवाकर का सरकारी मकान है। इनके मकान की दीवार से सटी सरकारी जमीन के एक बड़े हिस्से में मजार है। मजार पर हजरत सैय्यद बदरुद्दीन और हजरत सैय्यद कमालुद्दीन का बैनर लगा है। यहां पर वजू करने के लिए पानी टंकी स्थित है, जिसका पानी पीडब्ल्यूडी कालोनी से ही सप्लाई होता है।
वहीं विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल वालों का कहना है कि इस जमीन पर दस साल पहले किसी मुस्लिम अधिकारी ने इसकी नींव रखी और तब से यह मजार लगातार आकार बढ़ा रही है। पड़ताल करने पर पता चला कि एक दशक पहले यहां केवल तखत भर की जग जगह थी, जो कि अब बड़ा आकार ले चुका है। एक सर्वेंट क्वार्टर भी इन लोगों ने कब्जा लिया है।
पुलिस प्रशासन का कहना है कि इसकी जांच की जाएगी कि यह मजार कब बना और किसने बनवाया। अगर यह मजार गलत तरीके से बनाई गई है तो निश्चित ही कारवाई होगी।
Updated on:
28 Sept 2022 12:38 pm
Published on:
28 Sept 2022 12:28 pm
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