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कड़ाके की ठंड में फटी ड्रेस पहन खाली फर्श में बैठकर पढ़ रहे छात्र, बालक आश्रम की लापरवाही का खामियाजा भुगत रहे बच्चे

CG News: आश्रम शालाओं के बच्चे की संयुक्त कक्षा तीसरी में देखने को मिला कि कई बच्चों के पास गणेश की स्थिति भी बुरी है, कई बच्चों के गणवेश के बटन टूटे हुए हैं।

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CG News: सुकमा जिले के कोंटा ब्लाक अंतर्गत बालक आश्रम मरईगुड़ा वन और बालक आश्रम गंगलेर में संचालित स्कूल के छात्रों के पास सही ढंग के कपड़े तक नहीं है। इस कड़ाके की ठंड में भी छात्र फटे यूनीफार्म में स्कूल आ रहे हैं।

इसके अलावा छात्रों को बैठने के लिए टाट पट्टी की व्यवस्था नहीं है, जिस वजह से वे नंगे फर्श में ही बैठे नजर आते हैं। इस दौरान शुक्रवार को दोनों छात्रावास के अधीक्षक मौजूद नहीं थे, जिसमें से एक अधीक्षक कार्यालय कम से बाहर जाना एवं एक अधीक्षक अवकाश में होने की बात कही गई।

लापरवाही का खामियाजा भुगत रहे

छात्र इस ठंडी के मौसम में खाली जमीन पर बैठकर अध्यापन कार्य कर रहे हैं। छात्रों ने बताया कि बैठने के लिए जो टाटपट्टी और दरी है वह फट चुका है इसीलिए बाकी बच्चे जमीन पर बैठ रहे हैं। कक्षा पांचवी के बच्चों के लिए दरी की व्यवस्था है, बड़े बच्चे बैठ रहे हैं और छोटे बच्चों के पास दरी फटी हुई है, जिसमें से आधे बच्चे ही बैठ पाते हैं आधे जमीन पर बैठकर पढ़ाई करते हैं।

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आश्रम में नहीं मिल रही है सुविधा

CG News: दोनों आश्रम शालाओं के बच्चे की संयुक्त कक्षा तीसरी में देखने को मिला कि कई बच्चों के पास गणेश की स्थिति भी बुरी है, कई बच्चों के गणवेश के बटन टूटे हुए हैं। तो एक बच्चे की शर्ट भी फट चुका है। लेकिन उसके बाद भी जिम्मेदार आश्रम अधीक्षक इन बच्चों को गणवेश देना भी जरूरी नहीं समझते।

केवल खाना पूर्ति कर बच्चों को आश्रम में रखा गया है। जिसकी वजह से शासन द्वारा मिलने वाली योजना से भी बच्चे को लाभ नहीं मिल रहा है आखिर हर साल पैसे पानी की तरह बहाया जाता है और बच्चे फटे पुराने गणवेश पहनने के लिए मजबूर है।