108 ज्योतिर्लिंग में से एक का महत्व यहां के निवासी मंदिर में स्थित ज्योतिर्लिंग को 108 ज्योतिर्लिंगों में से एक महत्व माना जाता है। मंदिर को लेकर ऐसा कहा जाता है कि अंग्रेजों के समय करीब 30 फीट की खुदाई के बाद भी मंदिर में स्थित शिवलिंग का दूसरा सिरा नहीं खोजा जा सका था। जो भक्त यहां सच्चे मन से दर्शन और परिक्रमा करता है व जल चढ़ाता है, भगवान शिव उसकी सभी मुराद पूरी करते हैं। सावन माह में यहां पर भक्तों का दर्शन पूजन के लिए तांता लगा रहता है। सावन मास में शिव भक्त पूजा पाठ के साथ जलाभिषेक कर मन से मांगते हुए मन की मुराद के लिए बाबा से अर्ज लगाते हैं। बाबा भोलेनाथ भक्तों की मांगी हुई मुराद को पूरी करते हैं। आसपास गांव के लोगों से ही बाबा भोलेनाथ का जयकारा लगाते ही जलाभिषेक करने पहुंचते हैं।
पूरी होती है हर मन्नत आस्था व श्रद्धा और भक्ति का संगम कराता यह बाबा भोलेनाथ का मंदिर प्राचीन कथाओं को समेटे क्षेत्र में विश्वास का प्रतीक माना जाता है। भोलेनाथ के इस प्राचीन मन्दिर में सावन मास के सोमवार को श्रद्धा, भक्ति और विश्वास का महासंगम देखने को मिलता है। कहते हैं यहां जो भी श्रद्धा, भक्ति और विश्वास से जो कुछ भी शिवशंकर से मांगा, बाबा ने उसे निराश नहीं किया। उसकी मनौती पूरी हुई और उसकी झोली खुशियों से भर गई। सावन माह में यहां भोर से ही दर्शन पूजन के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ लग जाती है।