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आजाद भारत के इतिहास का सबसे बड़ा कलंक है इमरजेंसी, हमेशा याद रहेगा ये दिन

भारतीय जनता पार्टी ने आठ लोकतंत्र रक्षक सेनानियों का माल्यार्पण कर और अंगवस्त्र, पुस्तक आदि देकर किया सम्मानित...

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BJP program on Aapatkal Emergency in Sultanpur UP news

आजाद भारत के इतिहास का सबसे बड़ा कलंक है इमरजेंसी, हमेशा याद रहेगा ये दिन

सुल्तानपुर. 43 साल पहले 25 जून 1975 को अहंकारवश कांग्रेस ने सत्ता के चाहत में जिस तरह भारतीय लोकतंत्र का गला घोटकर आपातकाल लगाया था। वह लोकतांत्रिक व आजाद भारत के इतिहास का सबसे बड़ा कलंक था। यह बातें काशी क्षेत्र के महामंत्री रामचंद्र मिश्र ने पार्टी के जिला उपाध्यक्ष व पूर्व पालिकाध्यक्ष प्रवीण अग्रवाल के संयोजकत्व में सीताकुंड स्थित मारवाड़ी धर्मशाला में भाजपा जिला ईकाई द्वारा आयोजित लोकतंत्र रक्षक सेनानी सम्मान समारोह में बतौर मुख्य अतिथि कही।

आपातकाल की बेड़ियों मे जकड़ा

उन्होंने कहा कि आपातकाल के समय न केवल राजनीतिक कार्यकर्ता व आम आदमी बल्कि प्रेस व न्यायिक व्यवस्था तक को आपातकाल की बेड़ियों से जकड़ दिया गया था। उन्होंने लोकतंत्र रक्षक सेनानियों को मार्गदर्शक व प्रेरणास्रोत बताया। इस दौरान मुख्य अतिथि रामचंद्र मिश्र, शहर विधायक सूर्यभान सिंह, कार्यक्रम संयोजक प्रवीण अग्रवाल, महामंत्री कृपाशंकर मिश्रा, संजय सिंह सोमवंशी आदि ने 8 लोकतंत्र रक्षक सेनानियों का अंगवस्त्र, पुस्तक एवं माल्यार्पण कर सम्मानित किया।

किया गया सम्मान

भाजपा के जिला मीडिया प्रमुख विजय सिंह रघुवंशी ने बताया कि सम्मानित होने वाले 8 लोकतंत्र रक्षक सेनानी में बरेहता निवासी श्री राम गुलाम द्विवेदी, अलीगंज बाजार निवासी डा. वी. पी. सिंह, डोमनपुर निवासी गंगा प्रसाद यादव एवं वीरेन्द्र सिंह,इसौली निवासी आदित्य उपाध्याय, राजापुर निवासी अनंत पांडे, शहर निवासी आनंद कृष्ण जायसवाल, शहर निवासी वरिष्ठ पत्रकार स्व0 रामकृष्ण जायसवाल के पुत्र पत्रकार अरुण जायसवाल थे।

निजी फायदे के लिए फैसला

इस मौके पर लोकतंत्र रक्षक सेनानी श्री राम गुलाम द्विवेदी, डा0 वी. पी.सिंह, आदित्य उपाध्याय और अनंत पांडे ने जब आपातकाल के कठिन समय की याद साझा की तो भावुक हो गये। उन लोगों ने बताया कि आपातकाल अंग्रेजों के शासनकाल से भी ज्यादा पीड़ादायक व क्रूर था। इंदिरा गांधी ने निजी राजनीतिक फायदे के लिये लोकतंत्र की निर्मम हत्या की थी। वह दिन लोकतंत्र के लिए काला दिन था।

नहीं भूलना चाहिए वो दिन

इस मौके पर सम्मान समारोह को संबोधित करते हुए शहर विधायक सूर्यभान सिंह व कार्यक्रम संयोजक प्रवीण अग्रवाल ने कहा लोकतंत्र के प्रति आस्था को मजबूत करने के लिए हमें कांग्रेस द्वारा 1975 में लगाये गये आपातकाल के काले दिन को भूलना नहीं चाहिए। हमको देश की वर्तमान और भावी पीढ़ी को आपातकाल के प्रति जागरुक करना होगा। कार्यक्रम की अध्यक्षता कार्यक्रम संयोजक प्रवीण अग्रवाल व संचालन महामंत्री शशीकांत पांडे ने किया।

ये लोग रहे मौजूद

इस मौके पर क्षेत्रीय उपाध्यक्ष सुमन सिंह, पूर्व मंत्री ओम प्रकाश पांडे,प्रदेश कार्यसमिति सदस्य भावना सिंह, पूर्व जिला अध्यक्ष डा. सीताशरण त्रिपाठी एवं करुणा शंकर द्विवेदी, पूर्व पालिका अध्यक्ष भोलानाथ अग्रवाल, डा. आर. ए. वर्मा.,डा. रामजी गुप्ता, जिला उपाध्यक्ष प्रीति प्रकाश सिंह, भाजपा नेता एम. पी. त्रिपाठी एड. जिला मंत्री अखिलेश जायसवाल,नगर अध्यक्ष विनोद कुमार पांडे आदि लोग उपस्थित रहे। इसी क्रम में पूर्व जिला उपाध्यक्ष डा. महिमा शंकर द्विवेदी, कोकिला तिवारी,जि.पं.सदस्य बबिता तिवारी, प्रीति शर्मा, मंडल अध्यक्ष जगदीश चौरासिया, अनिरूद्ध शुक्ला, उमाकांत शुक्ला, रमापति मोर्या, दिनेश चौरासिया, डी.पी.श्रीवास्तव ,रजनीश मिश्र, आशीष सिंह, मनोज चतुर्वेदी,अरविंद यादव अरविंद श्रीवास्तव ,काली सहाय पाठक,अमन श्रीवास्तव, अमरनाथ मिश्र आदि उपस्थित रहें।


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