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Afroz and Saras Friendship: ‘स्वीटी’ सारस के बिना घर में छाया मातम, बच्चों का रो-रोकर बुरा हाल

Afroz and Saras Friendship: यूपी पत्रिका से बात करते हुए अफरोज ने बताया, “जब से स्वीटी सारस को वन विभाग वाले ले गए हैं। घर का माहौल बेहद खराब हैं। बच्चों को रो-रोकर बुरा हाल है। छोटे बच्चे पूछ रहे हैं? पापा स्वीटी सारस कब आएगी।”

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आरिफ और सारस की दोस्ती के बाद अब सुलतानपुर में सारस और अफरोज की दोस्ती चर्चा में हैं। जैसे, अफरोज और सारस को वन विभाग की टीम ने अलग कर दिया था वैसे ही सारस को अफरोज से दूर कर कानपुर चिड़ियाघर भेज है। DFO यानी डिस्ट्रिक्ट फॉरेस्ट ऑफिसर ने बताया की अफरोज पर कार्रवाई हो सकती है।

“6 महीने पहले हमारे पास आया था सारस”
अफरोज ने बताया कि 6 महीने पहले उसके बड़े भाई मेराज अपने दोस्त के मत्स्य पालन के तालाब के पास से इस सारस को घर ले आए थे। तब सारस की उम्र डेढ़ महीने थी। देखते देखते वह बड़ा हो गया और परिवार का हिस्सा बन गया है। घर के सदस्यों के साथ खाता है पीता है सबके बीच घूमता है। घर वालों ने उसे एक प्यारा सा नाम दिया है। सब सारस को स्वीटी सारस कहकर बुलाते हैं।

यूपी पत्रिका से बात करते हुए अफरोज ने बताया, “जब से स्वीटी सारस को वन विभाग ले गए हैं। उस वक्त से घर के छोटे बच्चे पूछ रहे हैं? पापा स्वीटी सारस कब आएगी। वन विभाग की टीम ने मुझसे सारस को लेकर संपर्क किया है। उन्होंने मुझे अफने ऑफिस मिलने बुलाया है। अगर मुझे वन विभाग की टीम सजा देगी तो वो भी मुझे मंजूर है। पर मै पूछता हूं, क्या सारस या कोई भी पक्षी पालना गलत है या गुनाह है?”

अफरोज और सारस IMAGE CREDIT:

सारस की मौत के बाद पिता को आया था हार्टअटैक
अफरोज ने बताया,“वो सारस पूरे परिवार से घुला मिला हुआ था। गांव और आस-पड़ोस के लोग उसे नेपाली के सारस के नाम से जानते थे। घरवालों ने इस सारस का नाम भी स्वीटी रखा था, लेकिन साल 2022 में अचानक सोनबरसा गांव के पास करंट की चपेट में आ जाने से सारस की मृत्यु हो गई।”

अफरोज के पिता मो. शफीक उर्फ नेपाली ने साल 2019 में एक सारस पाला था। जो पूरे परिवार से घुला मिला हुआ था। गांव और आस-पड़ोस के लोग इसे नेपाली के सारस के नाम से जानते थे। घरवालों ने इस सारस का नाम भी स्वीटी रखा था। लेकिन 2022 में अचानक सोनबरसा गांव के पास करंट की चपेट में आ जाने से सारस की मौत हो गई। सारस की मौत से उसके पिता को गहरा सदमा पहुंचा और उन्हें हार्ट अटैक आ गया। जिससे उनका लंबा इलाज चला है । नया सारस मिला तो उसका नाम भी स्वीटी रखा। नए सारस के आने से उसके पिता खुश थे।

स्वीटी का फेवरेट है आटा और आलू
अफरोज ने बताया कि उनके सारस को आटा और आलू भोजन काफी पंसद है। जब उसको भूख लगती थी तो वह आवाज करके लोगों को बुलाता था खाने-पीने के बाद खेलने में मस्त हो जाता था। पूरे गांव के साथ स्वीटी सारस खेलता था। उसे लोगों के साथ रहना और घूमना पंसद था।