
Villagers protest against Pratappur Tehsildar
प्रतापपुर. बीते दिनों एसीबी की टीम ने छापामार कार्रवाई करते हुए तहसील के बाबू को व एक पटवारी को रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया था। तहसील में प्रार्थी व बाबू ने बयान दिया था कि तहसीलदार (Protest against Tehsildar) सालिक राम गुप्ता ने ही रुपए मांगे थे। इसके बाद भी तहसीलदार के ऊपर आज तक कोई कार्रवाई नही होने से आक्रोशित ग्रामीणों ने मंगलवार को एसडीएम को कलेक्टर के नाम ज्ञापन सौंप कार्रवाई व हटाने की मांग रखी है। वहीं प्रतापपुर विधायक का कहना है कि मामला सामने आने के बाद उन्होंने भी कलेक्टर को पत्र भेजकर तहसीलदार को हटाने कहा है, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई।
ग्रामीणों ने कहा कि तहसील कार्यालय प्रतापपुर में पदस्थ तहसीलदार सालिक राम गुप्ता (Protest against Tehsildar) ने ही प्रार्थी राजेंद्र बघेल से बाबू बृजभान के माध्यम से 10 हजार रुपए की मांग की थी। ग्रामीण क्षेत्रों के आदिवासियों एवं भोले-भाले ग्रामीणों को परेशान कर आए दिन तहसीलदार सालिक राम गुप्ता द्वारा जन्म प्रमाण पत्र, मृत्यु प्रमाण पत्र, सीमांकन आदेश व अन्य प्रकरणों में बिना रिश्वत लिए हस्ताक्षर नहीं किया जाता।
वे पटवारी के माध्यम से एसईसीएल क्षेत्र कनक नगर, मदन नगर के दस्तावेज जैसे मुआवजा प्रकरण में बिना रिश्वत के कोई भी कार्य नहीं करते। ग्रामीणों का कहना है कि सालिक राम (Protest against Tehsildar) जब पूर्व में ओडग़ी ब्लॉक में पदस्थ थे, वहां भी उनके खिलाफ अवैध वसूली की कई शिकायतें आईं थीं, जिस पर उन्हें वहां से हटाया गया था।
ग्रामीणों ने तहसीलदार (Protest against Tehsildar) को दो दिन के भीतर हटाकर उनके खिलाफ जांच की मांग की है। ऐसा नहीं होने पर तहसील कार्यालय के घेराव की चेतावनी दी गई है।
ज्ञापन सौंपने वालों में शिवचरण बघेल, रुद्र प्रसाद बंछोर, इंद्रपाल खमरिया, रामचंद्र, माझी, जीतन सोनहा, भुनेश्वर सोनहा, रामप्यारे नागवंशी, राजेंद्र बघेल, बालगोविंद सोनहा, गिरिधर कुमार सूर्यवंशी, जवाहिर व बड़ी संख्या में चेरवा समाज के लोग उपस्थित रहे।
इस मामले को लेकर प्रतापपुर विधायक शकुंतला पोर्ते ने कहा तहसीलदार सालिक राम (Protest against Tehsildar) को हटाने के लिए मेरे द्वारा कलेक्टर को लिखित में दिया जा चुका है। लेकिन समझ से परे है, ऐसे अधिकारी को आज तक क्यों नही हटाया गया।
विधायक के पत्र लिखने के बाद भी अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। अब इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि सत्ता पक्ष के विधायक की अनुशंसा की भी सुनवाई नहीं हो रही है।
Published on:
02 Apr 2025 06:57 pm
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