
सूरत. रिवर फं्रट के समान मनपा का खाड़ी-नाले के सौंदर्यीकरण का अनूठा प्रोजेक्ट इस साल मार्च-अप्रेल में पूरा होगा। नेशनल रिवर कन्जर्वेशन प्लान अंतर्गत कांकरा और मीठी खाड़ी बैंक प्रोटेक्शन वर्क के एक बड़े हिस्से का काम अंतिम चरण में पहुंच चुका है। खाडिय़ों-नालों के किनारे की बेकार और अतिक्रमण भरी जगह में खूबसूरत रास्ते का निर्माण किया गया है।
शहरभर में फैली आड़ी-तिरछी खाडिय़ां शहर की खूबसूरती पर धब्बे की तरह दिखती थीं। इनमें बहने वाला गंदा पानी मिंढोला नदी में जाकर उसे दूषित भी करता था। खाडिय़ों में गिरने वाला गटर का पानी शहर के ड्रेनेज सिस्टम के लिए चुनौती था, जिसे रोकना मनपा के लिए भी मुश्किल हो गया था। लोगों के भूतिया कनेक्शन को ढूंढऩे और बंद कराने में कर्मचारियों को जद्दोजहद करनी पड़ती थी। साथ ही खाडिय़ों के दोनों किनारे लोगों के झोपड़े बारिश के दिनों में बड़ी समस्या पैदा करते थे। मनपा ने इन सभी मुश्किलों का समाधान नेशनल रिवर कन्जर्वेशन प्लान (एनआरसीपी) योजना अंतर्गत कांकरा और मीठीखाड़ी बैंक प्रोटेक्शन वर्क के तहत ढूंढ़ा। कड़ोदरा के लैंडमार्क टैक्सटाइल मार्केट से अलथाण तक करीब 13 किलोमीटर लंबी कांकरा और मीठी खाड़ी के दोनों किनारे डायाफ्राम वॉल, रिटेनिंग वाल, स्लैब तथा रोड समेत अन्य कामों का समावेश किया गया। मीठी खाड़ी में भवानी इंडस्ट्रीज से जीवन ज्योत ब्रिज तक करीब 6.6 किलोमीटर के काम के लिए 106 करोड़ रुपए खर्च किए गए। इसके अलावा भाठेना खाड़ी ब्रिज, जीवन ज्योत के समीप ड्रीम होन्डा के पीछे छोटी खाड़ी ब्रिज के पास एप्रोच के काम के लिए 22 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे।
इसलिए अलग है प्रोजेक्ट
प्रशासन अब तक नदियों के किनारों का सौंदर्यीकरण कर उनका उपयोग करता आया है, लेकिन यह पहली बार होगा कि गंदे नालों-खाडिय़ों के किनारे का सौंदर्यीकरण कर उसका उपयोग नदियों की तरह किया जाएगा। भटार क्षेत्र में पुरानी डिस्पोजल साइट के समीप खाड़ी रिमॉडलिंग का काम अंतिम चरण में पहुंच चुका है। यहां करीब तीन किलोमीटर तक खाड़ी की ड्रोजिंग के बाद खाड़ी के दोनों किनारे डयाफ्राम वॉल, रिटेनिंग वॉल, स्लैब और रोड समेत दूसरे काम पूरे होने वाले हैं। प्रशासन पहले यहां सिर्फ साइकिल ट्रैक पर ही सोच रहा था, लेकिन जब खाडिय़ों से भूतिया कनेक्शन रोककर सिर्फ ट्रीटेड पानी ही छोडऩे की योजना साकार होती दिखी तो इस पानी के दोनों किनारे को रिवर फ्रंट की तरह विकसित करने की योजना बनाई गई। इस खाड़ी के दोनों ओर छह मीटर चौड़ी सड़क का निर्माण कार्य चल रहा है। यानी कांकरा और मीठी खाड़ी के किनारे-किनारे लोग कड़ोदरा से अलथाण तक पहुंच सकेंगे।
हरित क्षेत्र दूर करेगा प्रदूषण
खाडिय़ों के दोनों किनारे जहां सड़क होगी, वहीं हरे पेड़-पौधों की भी भरमार रहेगी। जहां अधिक जगह मिलेगी, वहां छोटे-बड़े गार्डन भी खाडिय़ों के प्रदूषण को रोकेंगे। करीब 13 किलोमीटर लंबे इस क्षेत्र को पूरी तरह से हरित क्षेत्र में तब्दील कर इसे ऑक्सीजन पट्टी के रूप में विकसित किया जाएगा।
अनूठा प्रोजेक्ट
अब तक बेकार, अतिक्रमित और दुर्गंध युक्त रहे क्षेत्र को शहर के मुख्य रास्तों में शामिल कराया जा रहा है। भटार से अलथाण तक खाड़ी किनारे के रास्ते लोगों की दूरियां कम करेंगे तो वातावरण को भी शुद्ध करने में भूमिका निभाएंगे।
गिरिजाशंकर मिश्रा, नेता शासक पक्ष, मनपा
अंतिम चरण में
कड़ोदरा से अलथाण तक करीब 13 किलोमीटर खाड़ी के दोनों किनारे की रिमॉडलिंग, ब्यूटिफिकेशन और सड़क निर्माण का कार्य मार्च-अप्रेल तक पूरा होगा।
सुधा नाहटा, चेयरमैन, ड्रेनेज कमेटी, मनपा

Published on:
18 Feb 2018 09:31 pm
बड़ी खबरें
View Allसूरत
गुजरात
ट्रेंडिंग
