
जानिए कैसे धरा गया सेन्ट्रल विजिलेंस का फर्जी अफसर?
सूरत. वेसू स्थित डीजीजीआई (डायरेक्टर जनरल ऑफ गुड्स एण्ड सर्विस टैक्स) कार्यालय में सेन्ट्रल विजलेंस अफसर बनकर आए एक युवक को क्राइम ब्रांच ने गिरफ्तार किया है तथा उसके कब्जे से फर्जी पहचान पत्र भी जब्त किया है।
उमरा पुलिस सूत्रों के मुताबिक वापी राज रेजिडेंसी रोड श्रीजी निवास निवासी उत्पल पारेख शुक्रवार दोपहर पौने दो बजे वेसू वीआइपी रोड व्हाइट हाउस बिल्डिंग में स्थित डीजीजीआई के कार्यालय पर आया। उसने वहां मौजूद इंस्पेक्टर प्रशांत वत्स को अपनी पहचान यूबी पारेख, डिप्टी डायरेक्टर, डिपार्टमेंट सेन्ट्रल विजिलेंस कमीशन नॉर्थ ब्लॉक न्यू दिल्ली के रूप में दी। उसने अशोक चक्र लगा अपना परिचय पत्र भी दिखाया। अपने सीनियर अधिकारी का नाम लिया।
प्रशांत को संदेह होने पर वह उन्हें अपने सीनियर अधिकारी के पास ले गए। डीजीजीआई के अधिकारियों ने उससे उसकी पहली पोस्टिंग, पोस्टिंग के दौरान रहे अधिकारियों समेत अन्य जानकारियों के बारे में पूछताछ की, जिसके वह ठीक से जवाब नहीं दे पाया। संदेह होने पर उन्होंने उसे वहीं रोक लिया तथा उमरा पुलिस के हवाले कर दिया। उमरा पुलिस ने मामला दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ मेें उसने अपनी असली पहचान बताई और कहा कि वह वापी में टैक्स कंसल्टेंट का काम करता है।
मित्र की पेपर मिल का काम लेकर आया था
पुलिस ने बताया कि उत्पल के मित्र की पेपर मिल का एक मामला डीजीजीआई में लंबित है। जिसके निपटारे के लिए वह फर्जी पहचान पत्र बनाकर डीजीजीआई के कार्यालय पर आया था। उससे इस बारे में पूछताछ के लिए शनिवार को उसे अदालत में पेश कर दो दिन के रिमांड पर लिया है।
Published on:
05 Oct 2019 09:15 pm
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