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167km रेलवे ट्रैक का होगा दोहरीकरण, डीपीआर तैयार, जल्द मिलेगी मंजूरी

MP News: भारत अमृत योजना के तहत जहां स्टेशन पर यात्रियों की सुविधा के लिए अनेक काम किए जा रहे हैं तो अब ललितपुर से खजुराहो तक रेलवे ट्रैक का दोहरीकरण करने की योजना पर भी काम शुरू हो गया है।

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Lalitpur Khajuraho Railway Track double line

Lalitpur Khajuraho Railway Track double line (फोटो सोर्स : पत्रिका)

MP News: भारत अमृत योजना के तहत जहां स्टेशन पर यात्रियों की सुविधा के लिए अनेक काम किए जा रहे हैं तो अब ललितपुर से खजुराहो (Lalitpur Khajuraho Railway Track) तक रेलवे ट्रैक का दोहरीकरण करने की योजना पर भी काम शुरू हो गया है। रेलवे ने इस 167 किलोमीटर लंबे ट्रैक पर डबल लाइन करने का मन बना लिया है। इसका सर्वे का काम पूरा करने के साथ ही रेलवे ने इसका डीपीआर तैयार कर स्वीकृति के लिए रेलवे बोर्ड को भेज दिया है।

यात्रियों को होगी सुविधा

ट्रैक का दोहरीकरण(Lalitpur Khajuraho Railway Track) होने के बाद यात्रियों को खासी सुविधा होगी। अब तक सिंगल ट्रैक होने के कारण ट्रेनों को क्रॉसिंग के लिए किसी एक स्टेशन पर इंतजार करना पड़ा है। ऐसे में ट्रेनों के साथ ही यात्रियों का भी समय खराब होता है। इसका सीधा असर ट्रेनों की टाइमिंग पर पड़ता है। यहीं वजह है कि एक बार ट्रेन लेट होनी शुरू होती है तो फिर अपने गंतव्य तक भी लेट पहुंचती है। टीकमगढ़ से दिल्ली, भोपाल, इंदौर सहित अन्य स्थानों पर सफर करने वालों की यही शिकायत रहती है।

ट्रैक के दोहरीकरण की मांग

ऐसे में जिले के लोगों को दिल्ली, भोपाल, इंदौर के साथ ही गुजरात, बिहार तक सफर करने की सुविधा मिली है। इन सालों में जिले के रेलवे स्टेशन पर भी अनेक विकास कार्य किए गए हैं। यहां पर व्यापारियों के लिए गुड्स शेड की सुविधा के साथ ही यात्रियों के लिए दूसरे प्लेटफार्म और दो फुट ओवरब्रिज स्वीकृत किए गए हैं। इसमें एक का काम पूरा हो चुका है और दूसरा निर्माणाधीन है। लगातार बढ़ रही रेल सुविधाओं के बीच इस ट्रैक के दोहरीकरण की मांग की जा रही है। रेलवे अब इसे भी पूरा करता दिखाई दे रहा है। खास कर दिल्ली उपचार कराने के लिए गीता जयंती एक्सप्रेस से जाने वाले यात्री अक्सर इसकी शिकायत करते है। ट्रेन के देरी से पहुंचने के कारण उन्हें अस्पताल में अतिरिक्त एक दिन देना पड़ता है।

सर्वे कर डीपीआर किया सब्मिट

उत्तर मध्य रेलवे के झांसी मंडल के पीआरओ मनोज सिंह ने बताया कि इस मार्ग का दोहरीकरण करने के लिए सर्वे किया गया था। इसके बाद इस 167 किलोमीटर लंबे ट्रैक को दोहरा करने के लिए इसका डीपीआर तैयार कर रेलवे बोर्ड को भेज दिया गया है। इसकी स्वीकृति को लेकर उनका कहना था कि यह बोर्ड का मामला है और अधिकारी लगातार प्रयास कर रहे हैं। उम्मीद की जानी चाहिए कि जल्द ही इसे स्वीकृति मिल जाएगी।