
Bypass road connected to the city is not found
टीकमगढ़.मऊघाट जामनी नदी पर उच्चस्तरीय पुल निर्माण होने के बाद भी मप्र और उप्र के लोग को शहर से जुडऩे वाली बायपास सड़क नहीं मिल पाई है। जिसके कारण उप्र के 13 से अधिक गांव और मप्र के आधा दर्जन से अधिक गांवों के लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। बायपास सड़क निर्माण के लिए ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग की है।
उप्र और मप्र के शहर से लोगों को जोडऩे के लिए लम्बे समय बाद जामनी नदी पर लाखों रुपए की लागत से टीकमगढ़ मोगान उप्र मार्ग जामनी नदी मऊघाट उच्चस्तरीय निर्माण कार्य किया गया था। वह पुल वर्ष २०१७ में पूर्ण हो चुका है। लेकिन अभी तक पुल के दोनों ओर की सड़कों का निर्माण नहीं किया गया है। इसके साथ ही पुल और सड़क के बीच के गांवों में उचित रास्ता नहीं होने के कारण भारी वाहनों को निकलने में परेशानियां हो रही है। भारी वाहनों से कई बार तो बड़े हादसे होने से टल चुके है। जिसको लेकर ग्रामीणों में रोश देखा गया। जिसको लेकर गांवों के लोगों ने पुल से शहर को जोडऩे के लिए बायपास सड़क निर्माण कराने की मांग की है।
यह आ रही रही परेशानी
पुल निर्माण होने के बाद उप्र और मप्र के भारी वाहनों का आवागमन तेज हो गया है। पुल और शहर के बीच पडऩे वाले मऊघाट, नयाखेरा, धर्मपुरा और नूतनविहार कॉलोनी ढ़ोगा पड़ता है। जहां छोटा और सकरा रास्ता बना हुआ है। जिसके कारण ग्रामीणों को हमेशा हादसों का डर बना रहता है। ग्रामीणों ने दो बार प्रशासन को गांव का रास्ता बंद करने और पुल और शहर के लिए बायपास सड़क निर्माण करने की मांग की है।
13 से अधिक गांवों के लोगों को टीकमगढ़ शहर से है नाता
मप्र के टीकमगढ़ शहर के नजदीक उप्र की सीमा लगी हुई है। इसके साथ ही वहीं से उप्र के के 13 से अधिक गांव टीकमगढ़ शहर से अपना गहरा नाता बनाए हुए है। वहां के लोगों का सरकारी काम छोड़ सभी खेती से संबंधित, धार्मिक कार्यक्रमों के साथ अन्य प्रकार कार्यक्रमों के सामनों की खरीदारी टीकमगढ़ शहर से ही करते है।
वर्ष 2013 में हुआ था पुल निर्माण का शुभारंभ
मऊघाट गांव के पास से उप्र सीमा लगी हुई है। इस सीमा से उप्र और मप्र के लोगों द्वारा पुल निर्माण की मांग सालों से की जा रही थी। जिसकी स्वीकृति मिलने के बाद वर्ष 2013 में टीकमगढ़ मोगान उप्र मार्ग जामनी नदी मऊघाट उच्चस्तरीय निर्माण
पुल का शुभारंभ किया गया था। वर्ष 2017 में दोनों सीमाओं को जोडऩे वाला पुल पूर्ण हो गया था। लेकिन दोनों सीमाओं ओर जाने वाले रास्ते की सड़कों का निर्माण नहीं किया गया।
उप्र के इन गांवों से आते है लोग टीकमगढ़
उप्र मोगान, बरतला, चकौरा, कैलगुवां, खाकरौन, पुराधनकुवां, हीरानगर, ककडारी, डेगना,म्याऊ, मरौली, चंदबली, उदयपुरा सहित अन्य गांवों के लोग खरीफ और रबी की फसलों को टीकमगढ़ की मंडियों में बेचने के लिए आते है। इसके साथ ही खेती से संबंधित और धार्मिक कार्यो के सामानों की खरीददारी करने आते है। लेकिन उन्हें सही रास्ता नहीं मिलने के कारण परेशान होना पड़ रहा है।
ग्राम पंचायत ने बनाया था बायपास, लेकिन टूटी पड़ी दो पुलियां
पूर्व में ग्राम पंचायत ने मऊघाट रोड़ से नूतन विहार कॉलोनी से जोडऩे के लिए मिट्टी मुरम सड़क निर्माण की थी। उस सड़क पर दो पुलियां बनाई गई थी। पुलिया निर्माण होते ही कुछ महीनों बाद दोनों पुलियां धराशाई हो गई। जब से यह रास्ता बंद पड़ा हुआ है। किसानों का कहना था कि अगर नयाखेरा ग्राम पंचायत द्वारा अगर इन पुलियों का गुणवत्तापूर्ण तरीके से निर्माण किया जाता तो गांव के लोगों को परेशानियों क ा सामना नहीं करना पड़ता।
ग्राम पंचायत नयाखेरा में मऊघाट से नूतन विहार कॉलोनी से जुडऩे वाली सड़क की पुलियों की जांच कराई जाएगी। जांच के बाद दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
अखिलेश उपाध्याय सीईओ जनपद पंचायत टीकमगढ़। अभी निवाड़ी की मीटिंग में था। मऊघाट पुल और शहर को जोडऩे वाले बायपास सड़क की जानकारी नहीं है।
के के शर्मा ईई पीडब्ल्यूडी टीकमगढ़।
Published on:
02 Jan 2019 07:04 am
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