
Cancer-Chemotherapy
टीकमगढ़. जिले में कैंसर के मरीज तेजी से सामने आ रहे है। जिला अस्पताल में ही पिछले चार साल में 300 से अधिक कैंसर रोगियों को कीमो थैरपी की गई है। वहीं अनेक मरीज ऐसे भी है, जो बाहर अपना उपचार करा रहे है। एक अनुमान के मुताबिक इनकी संख्या भी 200 से अधिक हो सकती है। पुरूषों में जहां सबसे ज्यादा ओरल कैंसर के मरीज सामने आ रहे है तो महिलाओं में ओवरी, सरवाइकल और ब्रेस्ट कैंसर के मरीज मिल रहे है।
कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी इन दिनों आम होती दिखाई दे रही है। वर्तमान में जहां डेढ़ दर्जन मरीज नियमित रूप से जिला अस्पताल में कीमो थैरपी से अपना उपचार करा रहे है, वहीं पिछले चार सालों में 300 से अधिक कैंसर के रोगी यहां आ चुके है। कैंसर जैसी बीमारी के मरीजों का बढऩा जिले के लिए चिंता का विषय बन रहा है।
डॉक्टर इस बीमारी के लिए लोगों का अपने स्वास्थ्य के प्रति लापरवाही, खान-पान पर ध्यान न देने के साथ ही कुछ जेनेटिक कारण भी बता रहे है। कैंसर रोगियों की संख्या में हो रहे इजाफे को लेकर डॉक्टरों ने लोगों को अपने स्वास्थ्य पर ध्यान देने, नियमित अपना स्वास्थ्य परीक्षण कराने, खाने-पीने पर ध्यान देने एवं शारीरिक श्रम करने की सलाह दी है।
एक साल में यह है आंकड़ा: जिला अस्पताल में कीमो थैरपी का काम देखने वाले डॉ डीएस भदौरिया बताते है कि पिछले साल जिले में ब्रस्ट कैंसर के 18, बल्ड कैंसर के 16, ओवरी के 3, ओरल के 15, सरवाईकल के 5 एवं अन्य कैंसर के 14 मरीज सामने आए थे। वहीं हाल ही में शासन द्वारा चलाए गए निरोगी काया अभियान में भी पांच कैंसर के मरीज सामने आए है। इसके साथ ही कुछ में लक्षण पाए जाने पर उन्हें हायर सेंटर जाकर जांच कराने की सलाह दी गई है।
गुटखा पाउच बड़ी वजह: पुरूषों में सबसे ज्यादा ओरल और महिलाओं में ओवरी और सरवाइकल कैंसर के मरीज आने पर डॉ भदौरिया का कहना है कि पुरूषों के मुंह के कैंसर का सबसे बड़ा कारण गुटखा पाउच बताया जा रहा है। वहीं महिलाओं को ओवरी एवं सारवाइकल कैंसर के लिए माहवारी के समय में उचित साफ-सफाई न रखना, हयूमन टेपोलोना वायरस, महिलाओं का स्मोकिंग एवं शराब का सेवन करना, कम उम्र में शारीरिक संबंध बनाना, एक से अधिक लोगों से संबंध बनाने के कारण यह बीमारी आती है। डॉ भदौरिया ने लोगों से बचाव के लिए इन चीजों पर ध्यान देने की बात कही है।
जिले में मिल रही सुविधा: विदित हो कि पिछले चार सालों से कैंसर मरीजों को जिला अस्पताल में ही कीमो थैरपी की सुविधा मिल रही है। शासन द्वारा यहां पर विभिन्न प्रकार के कैंसर के मरीजों के लिए 18 प्रकार की कीमो एवं बल्ड कैंसर के मरीजों के लिए इमिटेनिव एवं टेमोक्सी टेबलेट भी उपलब्ध कराई जा रही है। इसके लिए अस्पताल प्रबंधन द्वारा मेडीकल वार्ड के पुराने आईसीयू को कैंसर वार्ड के रूप में बदला गया है।
कहते है अधिकारी: पिछले कुछ समय से कैंसर के मरीजों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। लोगों को अपने स्वास्थ्य के प्रति जागरूक होना पड़ेगा। खान-पान के साथ ही लोग नियमित रूप से अपनी जांच कराकर सावधानी बरते।- डॉ डीएस भदौरिया, कीमो थैरपी प्रभारी।
Published on:
13 Dec 2019 12:10 pm
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