
जतारा विभाग में आया उड़द का बीज
वितरण नहीं हो पाएगा सरकारी बीज
टीकमगढ़ . जिले में प्री मानसून के साथ अन्य बारिश झमाझम हो गई हैं। खेत पानी से लबालब भर गई और बोवनी के लिए किसान बीज की तलाश में जुट गए हैं, लेकिन कृषि विभाग में बगैर पंजीयन के बीज नहीं मिल पा रहा हैं। इसके लिए सबसे पहले एमपी किसान एप पर पंजीयन कराना होगा। उसके बाद बीज मिलेगा।
किसानों का कहना था कि खरीफ सीजन की बोवनी के लिए समय कुछ ही दिनों में निकल जाएगा। बीज के लिए पंजीयन कराने का समय नहीं बचा हैं। जिसके कारण किसान महंंगे दामों में बीज समितियां और दुकानों से खरीद रहे हैं। जबकि कृषि विभाग में ५० हजार किसानों की संख्या दर्ज हैं और उनके लिए ९० क्विंटल उड़द का बीज की ४५० किट उपलब्ध कराई गई हैं। जिसमें से १० किसानों को ४१ किटे निशुल्क दी जाएगी।
बीज के लिए यह करना है प्रक्रिया
कृषि विभाग के कृषि विस्तार अधिकारी के माध्यम से किसानों को जमीन की बंदी ऋण पुस्तिका और खसरा खतौनी की नकल के आधार पर तत्काल बीज उपलब्ध कराया जाता था। लेकिन शासन ने इस बार प्रक्रिया को बदल दिया हैं।इस बार किसानो ंको एमपी किसान एप में बीज के लिए पंजीयन कराना होगा। उसके बाद कृषि विभाग में अन्य प्रक्रिया आयोजित की जाएगी। फिर किसान को बीज उपलब्ध कराया जाएगा। उसके बाद बीज दिया जाएगा। लेकिन किसानों का इस ओर रुख दिखाई नहीं दे रहा हैं।
किसानों को आरईओ के माध्यम से बीज होगा उपलब्ध
किसानों को बीज के लिए पंजीयन कराने की कोई जानकारी नहीं हैं। बारिश हो गई तो बीज की जरुरत पडऩे लगी हैं। लेकिन मूंगफ ली, उड़द, सोयाबीन, मूंग, ज्वार, अरहर दाल, तिली का बीज नहीं मिल रहा है। जबकि विभाग के अधिकारी कर्मचारियों का कहना है कि किसान अपने मोबाइल फ ोन से एमपी एग्रो एप पर पंजीयन कर अपने खेतों में कौन सा बीज चाहिए उसकी मांग कर सकता है और पंजीयन के आधार पर ही किसानों को बीज उपलब्ध कराया जाएगा , कीटनाशक दवाई बाजार खरीदकर उसकी रसीद लाए सब्सिडी दी जाएगी।
इनका कहना
बीज के लिए ऑनलाइन पंजीयन कराना होगा। किसानों की उनकी मांग के आधार पर बीज उपलब्ध कराया जाएगा। अभी तक उड़द का बीज ही विभाग के पास उपलब्ध है, बाकी बीज किसानों के पंजीयन के बाद ही आएगा। उसके बाद वितरण कराया जाएगा।
अशोक कुमार खरे, एसडीओ कृषि विभाग जतारा।
Published on:
27 Jun 2024 07:51 pm
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