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352 कक्ष क्रमांक रमन्ना के जंगल में लगी आग, हजारों पेड़ पौधें हुए खाक

रमन्ना जंगल में लगी आग

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रमन्ना जंगल में लगी आग

रमन्ना जंगल में लगी आग

टीकमगढ़ और कारी की फायर ब्रिगेड़ ने बड़ी मुश्किल में बुडा पाई 10 हेक्टेयर से अधिक की आग

टीकमगढ़. टीकमगढ़ वन रेंज इस समय असुरक्षा की स्थिति में दिखाई दे रहा है। वन कर्मचारियों की तैनामी के बावजूद अनुपस्थिति बनी हुई है। इस कारण से शुक्रवार की सुबह मोहनपुरा बीट रमन्ना जंगल के कक्ष क्रमांक ३५२ में भीषण आग लग गई। जिससे हजारों पेड़ पौधे जलकर खाक हो गए। इस आग में तेंदू, साल और अन्य वनस्पतियां जल गईं।

जिससे इलाके की जैव विविधता पर गंभीर असर पड़ा है। वहां के निवासियों का आरोप है कि समय रहते वन विभाग को सूचना दी, लेकिन कोई भी कर्मचारी समय पर नहीं पहुंचा। जिसके कारण १० हेक्टेयर से अधिक एरिया आग की चपेट में आ गया है। जबकि जंगलों को आग से बचाना पहली प्राथमिकता होती है।

मुख्यालय के नजदीक रमन्ना जंगल में करीब पांच घंटे तक आग लगी रही। आग से हजारों की संख्या में पेड़ पौधें नष्ट हो गए। टीकमगढ़ नगरपालिका और कारी नगरपरिषद से फायर ब्रिगेड को बुलाया गया। लेकिन कारी की फायर ब्रिगेड आग बुझाने के पहले ही खराब हो गई। कुछ ही घंटों में आग पर काबू पाया।

इसके बाद भी दस हेक्टेयर से अधिक का जंगल आग से खाक हो गया। उस समय वन विभाग में तैनात वन कर्मी जंगल में नहीं था। अगर वन कर्मी जंगल में होता तो यह आग ज्यादा दूर तक नहीं पहुंचती और हजारों पेड पौधें आग से नष्ट होने से बच जाते। इसमें सबसे अधिक लापरवाही तैनात वन रक्षक और वरिष्ठ अधिकारियों की बताई जा रही है।

सुबह ८ बजे लग गई थी आग
स्थानीय लोगों ने बताया कि शुक्रवार की सुबह ८ के करीब आग लग गई थी। दोपहर एक बजे तक आग रमन्ना के जंगल में फैलती गई। फायर ब्रिगेड और पुलिस डायल हंड्रेड पुलिस को सूचना दी गई। मौके पर पुलिस और फायर ब्रिगेड पहुंचा। इनकी देखरेख में आग को बुझाने का प्रयास किया गया। दोपहर तक आग पर वन विभाग के साथ फायर ब्रिगेड की टीम ने काबू पाया गया। बताया गया कि तीन दिन पहले भी रमन्ना जंगल में आग लग गई थी। जिससे आनन-फानन में बुझाया गया था।

प्रभारी के भरोसे वन रेंज का ३५२ कक्ष क्रमांक
मोहनपुरा बीट का ३५२ कक्ष क्रमांक का जिम्मा बड़माडई के वनरक्षक को दिया गया है। उसका सबसे ज्यादा समय बड़माडई के जंगल में लगता है। यह रमन्ना का जंगल चौकीदार के भरोसे रहता है। जिसके कारण पेड़ पौधों की कटाई के साथ आग से जल गए है।

इनका कहना
मुझे मोहनपुरा बीट और बड़माडई बीट का जिम्मा है। यह आग सुबह लग गई थी। दो फायर ब्रिगेड की मद्द से आग पर काबू पाया गया है। जंगल किनारे आदिवासी निवास करते है। वह सुबह और शाम को जंगल में घूमने के लिए जाते है। आग लगने की सूचना चौकीदार द्वारा दी गई थी। तीन दिन पहले आग लग गई थी। उसे आनन-फानन में बुझाया गया था।
बफाती खान, वन रक्षक प्रभारी कक्ष क्रमांक ३५२ मोहनगढ़ बीट टीकमगढ़।