लापरवाही: 4 दिन पहले गीता जयंती एक्सप्रेस की इमरजेंसी विंडो से गिरी थी 8 साल की मासूम
8 year old innocent girl fell from the emergency window of Geeta Jayanti Express
टीकमगढ़। महामना में खुली पड़ी विंडो।
इसके बाद भी ट्रेनों में खुली छोड़ रहे विंदा, रेलवे का नहीं ध्यान टीकमगढ़. 4 दिन पूर्व टीकमगढ़ से ललितपुर जा रही एक 8 साल की मासूम गीत जयंती एक्सप्रेस ट्रेन की इमरजेंसी विंडो खुली होने से ट्रेन पर गिर गई थी। वह तो गनीमत रही कि कोई बड़ा हादसा नहीं हुआ था। इसके बाद भी न तो रेलवे इस पर ध्यान दे रहा है और न ही यात्री इसके प्रति जागरूक हो रहे है। पत्रिका ने इस घटना के बाद रेलवे स्टेशन पर इमरजेंसी विंडा की हकीकत जानी हो हर जगह इसकी हालत खराब दिखी।
टे्रन में किसी भी घटना के समय यात्रियों के बचाव एवं सुविधा के लिए हर बोगी में इमरजेंसी विंडो की व्यवसथा है, लेकिन लापरवाही के चलते घटना से बचाव के लिए बनाई गई यह विंदा ही घटना का कारण बनती जा रही है। 12 अक्टूबर को मऊचुंगी निवासी रेखा तिवारी गीता जयंती एक्सप्रेस से वृंदावन जा रही थी और ललितपुर पहुंचने के पूर्व ही उनकी 8 साल की बेटी इस इमरजेंसी विंडो से ट्रेक पर गिर गई थी। इसकी सूचना महिला हेल्प डेक्स को देने पर रेलवे द्वारा ललितपुर से बिरारी स्टेशन तक 16 किमी का सर्च अभियान चलाकर मासूम को सकुशल बरामद कर लिया गया था। वह तो गनीमत रही कि इस दौरान अन्य ट्रेन इस ट्रेक से नहीं गुजरी नहीं तो घटना कुछ और हो सकती थी। इस घटना के बाद भी न तो रेलवे इस पर ध्यान दे रहा है और न ही यात्रियों की लापरवाही कम होती दिखाई दे रही है।
खुली थी 5 इमरजेंसी ङ्क्षवडा
इस घटना के बाद पत्रिका ने रेलवे स्टेशन पहुंच कर महामना एक्सप्रेस में इमरजेंसी विंडो की पड़ताल की तो ट्रेन की 5 विंडो पूरी तरह से खुली हुई थी। ट्रेन के कोच डी 8, डी 6, डी 9, डी 4 और डी 3 की विंडो खुली थी। इन विंडो से कुछ यात्री अपने लिए सीट आरक्षित करने के लिए इस पर सामान रखते दिखाई दे रहे थे। साथ ही जब यह ट्रेन प्लेटफार्म पर रूकी तो इसकी विंडो पहले से ही खुली थी। ऐसे में साफ था कि ट्रेन में टिकट चैक करने आने वाले टीसी के साथ ही सुरक्षा के लिए तैनात गार्ड भी लोगों को यह विंडो बंद करने के लिए प्रेरित नहीं करते है।
बंद करने के लिए स्प्रिंग चटकनी
इमरजेंसी विंडो को बंद करने के लिए एक स्प्रिंग वाली चटकनी लगाई गई है। पत्रिका ने देखा तो इसे आसानी से कोई भी खोल सकता है। बच्चे भी इसे दबा कर खोल सकते है। इन ट्रेनों में काफी समय से इन पर ध्यान देने के कारण कई विंडो की स्प्रिंग चटकनी भी खराब सी हो गई है। ऐसे में इन घटनाओं को रोकने के लिए जरूरी है कि इनका मेंटिनेंस करने के साथ ही कुछ ऐसे प्रावधान किए जाएं कि जरूरत पड़ने पर ही इसे खोला जा सके।
कहते है अधिकारी
बच्ची के ट्रेक पर गिरने की घटना चिंताजनक है। रेलवे द्वारा हर समय सुरक्षा को लेकर अभियान चलाने के साथ ही इस पर ध्यान दिया जाता है। इसके लिए लोगों को भी जागरूक होना पड़ेगा और बच्चों के साथ होने पर विशेष सतर्कता के साथ यात्रा करनी होगी।- मनोज सिंह, पीआरओ, झांसी मंडल।
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