इसका पता रामराजा लोक के निर्माण के लिए चल रही खुदाई में चला है। राम राजा मंदिर परिसर में सावन-भादौ एयर कूलिंग सिस्टम के टावर हैं। खुदाई में टावर के नीचे आधुनिक कक्ष मिला है। सदियों बाद भी इसकी खूबसूरती बरकरार है। इस कक्ष में नहाने को फाउंटेन हैं। यहां मई में सर्दी का अहसास हो रहा है।
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-चंदन के कटोरा बाग में 12 फाउंटेन मिले हैं। यहां टेराकोटा की पाइप लाइन से फव्वारे चलाए जाते थे।
-सावन-भादौ पिलर के नीचे मिले कक्ष में भी फाउंटेन के अंश मिले हैं।
टावर के छेद से हवा नीचे आती और कक्ष में राजा को देती थी शीतलता
पुरातत्व विभाग के क्यूरेटर घनश्याम बाथम ने बताया, सावन-भादौ टावर की तरह ही राजमहल की संरचना है। यहां 25 फीट ऊंचे टावर से महल के अंदर हवा आती थी। राजा के कक्ष में यह सुविधा है। इन टावर में चारों ओर छेद हैं। इससे किसी भी दिशा से हवा चलने पर हवा टावर के नीचे आती है।
ईरान की संरचना
पर्यटन विभाग के उपयंत्री पीयूष वाजपेयी ने कहा, ईरान में बहुत गर्मी रहती है। नरेश वीरसिंह जूदेव के मुगलों से अच्छे संबंध थे। मुगल ईरान से आए थे, इसलिए यहां गर्मी से बचने के लिए सावन-भादौ टावर जैसी तकनीक आई।